
Bihar Land Survey की प्रक्रिया के तहत बिहार के मोतिहारी जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें सरकारी रोक सूची (Prohibited Land List) में दर्ज जमीनों की अवैध खरीद-बिक्री की गई है। यह मामला तब उजागर हुआ जब जिला अवर निबंधन कार्यालय में हुई गड़बड़ी की सूचना पर जिलाधिकारी ने तत्काल संज्ञान लिया और मामले की जांच के लिए अपर समाहर्ता को जिम्मेदारी सौंपी। फिलहाल दस्तावेज़वार जांच जारी है और शुरुआती निष्कर्षों में खाता-खेसरा (Khasra-Khata Number) और रकबा (Land Area) में हेराफेरी की पुष्टि हो रही है।
भूमि रैयतों की अनदेखी और कागज़ों की हेराफेरी
जांच में यह स्पष्ट हो रहा है कि कई मामलों में वास्तविक भूमि रैयतों (Landholders) की जानकारी के बिना ही उनकी जमीनों के खाता-खेसरा बदले गए। रकबे को कृत्रिम रूप से बढ़ाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कराई गई। इससे न केवल असली मालिकों का अधिकार छिना गया, बल्कि पूरे रजिस्ट्रेशन सिस्टम की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं। कुछ जमीनें तो सरकारी रोक सूची में दर्ज थीं, जिनकी खरीद-बिक्री पूरी तरह गैरकानूनी है। प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
बनकट और चंद्रहिया में गंभीर गड़बड़ी के संकेत
मोतिहारी के बनकट और चंद्रहिया मौजा में हुए दो प्रमुख मामलों ने प्रशासन की चिंता को और बढ़ा दिया है। बनकट मौजा में तालाब निर्माण हेतु चयनित भूमि को बेचने की शिकायत सामने आई, जो स्पष्ट रूप से सरकारी रोक सूची में दर्ज थी। दूसरी ओर, एक अन्य व्यक्ति ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया कि उसने कम रकबे की जमीन बेची, लेकिन दस्तावेज़ में अधिक रकबा दर्शाकर उसकी जानकारी के बिना रजिस्ट्री कर दी गई। ये मामले इस ओर संकेत करते हैं कि यह कोई अकेली घटना नहीं, बल्कि एक गहरे जाल का हिस्सा हो सकती है, जिसमें खाता-खेसरा की हेराफेरी योजनाबद्ध तरीके से की जाती है।
कानूनी शिकंजा और डिजिटल सत्यापन की तैयारी
जांच में यह भी सामने आ रहा है कि कुछ भू-माफिया समूहों ने रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से नकली दस्तावेज तैयार किए। इनमें असली भू-स्वामी को भनक तक नहीं लगी और जमीन किसी अन्य के नाम पर रजिस्टर्ड हो गई। जिलाधिकारी ने सख्त संदेश देते हुए कहा है कि दोषियों पर न सिर्फ प्रशासनिक बल्कि कानूनी शिकंजा भी कसा जाएगा। इसके लिए डिजिटल तरीके से खातों और रजिस्ट्री डेटा का क्रॉस-वेरिफिकेशन किया जा रहा है। फॉरेंसिक दस्तावेज़ विश्लेषण और सर्वे रिकॉर्ड की डिजिटल मिलान से जांच को व्यापक बनाया जा रहा है।