Bihar School Alert: सरकारी स्कूल के टीचर्स अब नहीं पढ़ा सकेंगे ट्यूशन, सख्त आदेश जारी

बिहार में शिक्षा विभाग ने सरकारी शिक्षकों के ट्यूशन पर पूरी तरह पाबंदी लगाई है, जो स्कूल समय के बाहर भी लागू रहेगी। बायोमीट्रिक हाजिरी, समय पर किताबें, प्री-स्कूल और समर कैंप जैसे कदमों के जरिए शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। यह बदलाव राज्य की शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी, अनुशासित और समृद्ध बनाने की दिशा में अहम माने जा रहे हैं।

By GyanOK

Bihar School Alert: सरकारी स्कूल के टीचर्स अब नहीं पढ़ा सकेंगे ट्यूशन, सख्त आदेश जारी
Bihar School Alert

बिहार में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया गया है। अब राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षक ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे, चाहे वह स्कूल का समय हो या फिर इसके बाद का। यह नया नियम शिक्षकों की जिम्मेदारियों और नैतिक दायित्वों को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है। यदि कोई शिक्षक ट्यूशन पढ़ाता हुआ पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस सख्त फैसले के पीछे सरकार की मंशा है कि शिक्षक पूरी तरह से अपने कर्तव्यों पर केंद्रित रहें और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो।

स्कूल समय के बाहर भी लागू रहेगा ट्यूशन पर प्रतिबंध

अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने ‘शिक्षा की बात – हर शनिवार’ कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि यह प्रतिबंध सिर्फ स्कूल समय तक सीमित नहीं है, बल्कि स्कूल के बाद के समय में भी लागू रहेगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी शिक्षक निजी ट्यूशन से अधिक स्कूल के छात्रों पर ध्यान दें। यह कदम न सिर्फ शिक्षकों की जवाबदेही तय करेगा, बल्कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था में लोगों का भरोसा भी बढ़ाएगा।

बच्चों के लिए भी ट्यूशन पर रोक

केवल शिक्षक ही नहीं, बल्कि बच्चों को भी स्कूल समय में ट्यूशन पढ़ने से मना किया गया है। इसका सीधा मतलब है कि अब छात्रों को भी नियमित कक्षाओं में ध्यान देना होगा और अतिरिक्त ट्यूशन पर निर्भरता को घटाना होगा। यह प्रयास छात्रों के स्वतंत्र अध्ययन कौशल को बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।

बायोमीट्रिक हाजिरी से बढ़ेगी पारदर्शिता

गर्मी की छुट्टियों के बाद से सभी सरकारी स्कूलों में बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी जाएगी। शिक्षकों और छात्रों दोनों की उपस्थिति अब डिजिटल तरीके से दर्ज होगी। यह बदलाव पारदर्शिता को बढ़ाएगा, अनुशासन बनाएगा और लापरवाही को कम करेगा। इसके जरिए स्कूलों में नियमित उपस्थिति को सुनिश्चित किया जा सकेगा, जिससे शैक्षणिक सत्र की गुणवत्ता में सुधार होगा।

प्री-स्कूल योजना का क्रियान्वयन

शिक्षा विभाग अब प्राथमिक विद्यालयों में प्री-स्कूल की योजना शुरू कर रहा है। ये प्री-स्कूल आंगनबाड़ी केंद्रों से अलग होंगे। जहां आंगनबाड़ी में 40 बच्चे पढ़ेंगे, वहीं बाकी बच्चों की पढ़ाई नए प्री-स्कूल में कराई जाएगी। यह पहल बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को और अधिक संगठित और संरचित बनाने की दिशा में एक कदम है।

समर कैंप से बच्चों का समग्र विकास

अगले वर्ष से गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप का आयोजन किया जाएगा जिसमें बच्चे डांस, खेल और कला जैसी गतिविधियों में भाग लेंगे। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को संतुलित करने का एक रचनात्मक प्रयास है। यह पहल न केवल उन्हें पढ़ाई से हटकर कुछ नया सिखाएगी बल्कि उनकी सृजनात्मकता और आत्मविश्वास भी बढ़ाएगी।

समय पर किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित

सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बच्चों को गर्मी की छुट्टियों से पहले पाठ्य-पुस्तकें मिल जाएं। इसके लिए किताबों की छपाई प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं और नए सत्र की तैयारी एक महीने पहले से ही शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे छात्रों को समय पर अध्ययन सामग्री मिल सकेगी और पढ़ाई में व्यवधान नहीं होगा।

लाइब्रेरियन की नियुक्ति पर विशेष ध्यान

शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति को भी प्राथमिकता दे रहा है। फिलहाल खाली पदों की गिनती की जा रही है और जल्द ही इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे स्कूलों में पुस्तकालयों का उपयोग बढ़ेगा और बच्चों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहन मिलेगा।

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GyanOK

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