SIP Investment: ₹4000 महीने की SIP से पाएं ₹20 लाख, ये प्लान बना सकता है मालामाल!

Mutual Fund SIP Plan एक स्मार्ट निवेश विकल्प है जो छोटे-छोटे निवेशों को समय के साथ बड़े फंड में बदल सकता है। कंपाउंडिंग का प्रभाव, अनुशासन और लंबी अवधि तक निवेश इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं। सही योजना और फंड के चयन से निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को सहजता से प्राप्त कर सकते हैं। यह लेख SIP के फायदों, गणनाओं और रणनीति को विस्तार से समझाता है।

By GyanOK

SIP Investment: ₹4000 महीने की SIP से पाएं ₹20 लाख, ये प्लान बना सकता है मालामाल!
SIP Investment

Mutual Fund SIP Plan यानी म्युचुअल फंड की सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP), आज के समय में निवेश करने का एक आसान और लोकप्रिय तरीका बन चुका है। इसमें आप हर महीने एक तय रकम जैसे ₹4000 निवेश करते हैं, और यह पैसा समय के साथ बढ़ता जाता है। SIP खासकर उन लोगों के लिए अच्छा है जो कम आमदनी में भी निवेश करना चाहते हैं और भविष्य में बड़ा फंड बनाना चाहते हैं।

SIP की सबसे अच्छी बात यह है कि आपको एक साथ बड़ा पैसा लगाने की जरूरत नहीं होती। आप अपनी आमदनी से थोड़ा-थोड़ा पैसा हर महीने म्युचुअल फंड में लगाते हैं, और यह पैसा धीरे-धीरे बढ़ता है। बाजार में जब उतार-चढ़ाव होते हैं, तब भी SIP आपको नुकसान से बचाने में मदद करता है क्योंकि आप हर महीने निवेश करते हैं और औसत कीमत पर यूनिट्स खरीदते हैं।

कंपाउंडिंग का कमाल – पैसा खुद पैसा कमाने लगेगा

SIP में जो सबसे खास चीज है, वह है कंपाउंडिंग इफेक्ट। इसका मतलब है कि आपने जो पैसे निवेश किए, उस पर जो मुनाफा मिला, वह अगली बार आपके पैसे में जुड़ जाता है और उस पर भी मुनाफा मिलता है। ऐसे में आपका पैसा खुद-ब-खुद बढ़ने लगता है।

मान लीजिए आपने हर महीने ₹4000 की SIP शुरू की।

  • अगर आप 5 साल तक निवेश करते हैं, तो आपने कुल ₹2,40,000 लगाए होंगे और आपको लगभग ₹3,29,945 मिल सकते हैं।
  • 10 साल तक निवेश करने पर यह फंड ₹9,29,356 तक पहुंच सकता है।
  • और अगर आपने 15 साल तक निवेश किया, तो यह ₹20,18,304 तक हो सकता है।

यह सब 12% सालाना रिटर्न के अनुमान पर है, जो आम तौर पर अच्छे इक्विटी म्युचुअल फंड्स में मिल सकता है।

कैसे चुने सही फंड और बनाएं स्मार्ट प्लान

SIP शुरू करने से पहले जरूरी है कि आप सही म्युचुअल फंड चुनें। बाजार में बहुत सारे फंड होते हैं, जैसे Equity Fund, Debt Fund, Hybrid Fund आदि।

  • Equity Fund शेयर बाजार से जुड़े होते हैं और ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं लेकिन इनमें थोड़ा जोखिम होता है।
  • Debt Fund कम जोखिम वाले होते हैं और स्थिर रिटर्न देते हैं।
  • Hybrid Fund में दोनों का मिश्रण होता है।

आपको यह सोचना होगा कि आपका लक्ष्य क्या है—जैसे बच्चों की पढ़ाई, रिटायरमेंट, या घर खरीदना। उसी के हिसाब से फंड चुनें। अगर आपको समझ नहीं आ रहा, तो आप फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद भी ले सकते हैं।

SIP में सबसे जरूरी है नियमित निवेश करना और बीच में डरकर इसे बंद नहीं करना। साथ ही समय-समय पर यह देखना भी जरूरी है कि आपका फंड कैसा प्रदर्शन कर रहा है।

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