भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आज वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को डिविडेंड देने की घोषणा कर सकता है। सूत्रों के अनुसार, इस बार डिविडेंड की राशि ₹2.5 लाख करोड़ से ₹3 लाख करोड़ तक हो सकती है, जो अब तक का सबसे बड़ा ट्रांसफर माना जा रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में RBI ने सरकार को ₹2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया था।

सरकार को क्यों देता है RBI मुनाफा?
भारतीय रिजर्व बैंक एक केंद्रीय बैंक होने के नाते पूरे साल विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के ज़रिए मुनाफा कमाता है। यह लाभांश केंद्र सरकार को डिविडेंड के रूप में ट्रांसफर किया जाता है। यह प्रक्रिया आर्थिक पूंजी ढांचा (Economic Capital Framework – ECF) के तहत संचालित होती है, जिसे 2019 में बिमल जालान समिति की सिफारिशों पर लागू किया गया था।
ECF के तहत RBI को अपनी कुल बैलेंस शीट का 5.5% से 6.5% तक की राशि रिजर्व में रखनी होती है। इस सीमा से अधिक लाभ को सरकार को डिविडेंड के रूप में ट्रांसफर किया जाता है।
RBI की कमाई के स्रोत क्या हैं?
RBI की कमाई के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं:
- सरकारी बॉन्ड और ट्रेजरी बिल्स से ब्याज आय: RBI के पास बड़ी संख्या में सरकारी बॉन्ड होते हैं, जिनसे ब्याज मिलता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार पर रिटर्न: डॉलर, यूरो और सोने जैसे विदेशी परिसंपत्तियों से निवेश के जरिए लाभ होता है।
- सोने की कीमतों में बढ़ोतरी: हाल के महीनों में सोने की कीमतों में आई तेजी से भी RBI की बैलेंस शीट को फायदा मिला है।
- खुले बाजार परिचालन (OMO): बाजार में नकदी नियंत्रण के लिए की गई बॉन्ड खरीद-बिक्री से भी लाभ होता है।
- रेपो रेट के तहत दिए गए लोन पर ब्याज: बैंकों को दी जाने वाली ऋण सुविधाओं से RBI ब्याज अर्जित करता है।
- मुद्रा छपाई से कमाई (Seigniorage): नोट की छपाई लागत और उसके अंकित मूल्य के बीच का अंतर भी आय का स्रोत है।
- सेवाओं के बदले शुल्क: सरकार और बैंकों को दी जाने वाली सेवाओं के लिए RBI शुल्क लेता है।
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क्या होगा इस डिविडेंड का असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह डिविडेंड सरकार के लिए बड़ी राहत बन सकता है। चुनावी माहौल और बढ़ती योजनागत आवश्यकताओं के बीच यह राशि राजकोषीय घाटा कम करने और कल्याणकारी योजनाओं में खर्च के लिए अहम साबित हो सकती है।
वित्त मंत्रालय इस डिविडेंड का उपयोग आगामी बजट में सामाजिक योजनाओं, अवसंरचना और सब्सिडी खर्च में कर सकता है, जिससे बिना अतिरिक्त उधारी के सरकार को वित्तीय ताकत मिलेगी।
आगे क्या?
RBI के सेंट्रल बोर्ड की बैठक में आज इस डिविडेंड की राशि पर अंतिम मुहर लगेगी। वित्तीय जगत की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह ट्रांसफर वास्तव में रिकॉर्ड बनेगा।