अगर आप भी CNG गाड़ी चलाते हैं तो आपने ये जरूर देखा होगा कि सीएनजी भरवाने के दौरान पैसेंजर और ड्राइवर दोनों को गाड़ी से उतरने के लिए कहा जाता है. कई बार लोग इसे हल्के में ले लेते हैं, लेकिन इसके पीछे एक गंभीर कारण होता है।

दरअसल, CNG भरते वक्त गाड़ी के टैंक में प्रेशर बहुत ज्यादा होता है. अगर कहीं से भी लीकेज हुआ या सिस्टम में कोई खराबी आई तो बड़ा हादसा हो सकता है. इसलिए CNG भरते वक्त गाड़ी से उतरना पड़ता है.
पेट्रोल-डीजल से क्यों अलग है CNG?
सीएनजी यानी कंप्रेस्ड नेचुरल गैस को बहुत ज्यादा प्रेशर में गाड़ी के टैंक में भरा जाता है. यही वजह है कि ये पेट्रोल या डीजल के मुकाबले ज्यादा सेंसिटिव होती है. सीएनजी स्टेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को खास ट्रेनिंग दी जाती है ताकि किसी भी तरह के रिसाव या विस्फोट की स्थिति को टाला जा सके.
बाहर से लगवाई गई किट बन सकती है खतरे की वजह
कई लोग पैसे बचाने के लिए लोकल गैरेज से CNG किट लगवा लेते हैं. लेकिन इन किट्स की फिटिंग अक्सर स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं होती. इससे लीकेज का खतरा और बढ़ जाता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो हमेशा फैक्ट्री फिटेड सीएनजी किट का ही इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो और किसी अनहोनी की आशंका न रहे.
ध्यान रखें ये बातें
- सीएनजी भरवाते समय गाड़ी से बाहर निकलें
- स्मोकिंग से पूरी तरह परहेज करें
- अगर कोई गंध या लीकेज लगे तो तुरंत सूचना दें
- लोकल किट के बजाय कंपनी फिटेड किट लगवाएं
CNG एक सुरक्षित और पर्यावरण के लिए अच्छा है, लेकिन इसका इस्तेमाल भी समझदारी से करना जरूरी है. थोड़ी सी लापरवाही बड़ी घटना में बदल सकती है. इसलिए अगली बार जब आप CNG भरवाने जाएं, तो नियमों का पालन जरूर करें.