
आप सभी ने वंदे भारत ट्रेन का नाम तो सुना ही होगा. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि वंदे भारत ट्रेन का असली मालिक कौन है ? और क्या ये भारतीय रेलवे की है ? वैसे वंदे भारत ट्रेन हमारे लिए एक ट्रेन ही नही बल्कि पूरे भारत देश के लिए गौरव और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है. तो आइए जानते है कि वंदे भारत ट्रेन का असली मालिक कौन है.
वंदे भारत ट्रेन का असली मालिक कौन?
वंदे भारत ट्रेन का असली मालिक भारतीय रेलवे है. यह ट्रेन भारत सरकार के अंतर्गत आने वाली भारतीय रेलवे है. इन ट्रेनों को भारत में ही चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) और दूसरी फैक्ट्रियों में बनाया गया है. ये ‘मेक इन इंडिया’ का एक उदाहरण है.
हर साल करोड़ों रुपए क्यों देती है रेलवे
अक्सर कई लोगो के मन में सवाल उठता है कि भारतीय रेलवे पैसे जुटाने की बात क्यों करते हैं. दरअसल, रेलवे को हर साल नई ट्रेनें और पटरियां खरीदने के लिए अरबों रुपये की जरूरत होती है. इतना ज्यादा खर्च एक साथ करना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए रेलवे इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) की मदद लेती है. IRFC एक कंपनी है भारतीय रेलवे के लिए पैसा जमा करने का काम करती है. इसे आप रेलवे का “बैंक” कह सकते हैं. यह कंपनी बाजार से ‘बॉन्ड्स’ और ‘डिबेंचर्स’ जारी करके लोगों और बड़ी कंपनियों से पैसे उधार लेती है.
IRFC बाजार से पैसा इकट्ठा करता है
भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) बाजार से पैसे इकट्ठा करता है और उस पैसे से भारतीय रेलवे के लिए नई ट्रेनें जैसे -वंदे भारत, इंजन, कोच और नई रेल की पटरियां बिछाने आदि कई काम करता है. IRFC जब इन चीजों को खरीद लेता है तो वह इन्हें भारतीय रेलवे को किराए पर दे देता है.
