
आज की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेहतरीन लोगो को अपने साथ जोड़ रही है. इसी को देखते हुए गूगल ने एक बड़ा कदम उठाया है. गूगल ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने AI कोडिंग स्टार्टअप विंडसर्फ (Windsurf) के मालिक और सीईओ वरुण मोहन को अपनी टीम में शामिल कर लिया है. गूगल विंडसर्फ के कुछ और खास कर्मचारियों को नौकरी देगी, जिसमे बड़े रिसर्चर भी शामिल है. इस काम को पूरा करने के लिए गूगल काफी पैसा खर्च करेगी।
कौन हैं वरुण मोहन?
वरुण मोहन भारतीय मूल के नागरिक है, हालांकि उन्होंने अपना पूरा जीवन कैलिफ़ोर्निया में बिताया है. उन्होंने एमआईटी से कंप्यूटर साइंस में उच्च शिक्षा प्राप्त की है, उनका पूरा ध्यान सिस्टम और डीप लर्निंग रिसर्च पर रहता था. वरुण ने अपने करियर की शुरुआत GPU Virtualization Tools पर काम करते हुए की थी. उन्होने नूरो, डेटाब्रिक्स, क्वोरा और लिंक्डइन जैसी कंपनियों में भी काम किया। इसके बाद साल 2021 में उन्होंने अपना स्टार्टअप विंडसर्फ शुरू किया।
विंडसर्फ को क्यों खरीद रहा गूगल ?
आज के समय में विंडसर्फ कंपनी “वाइब कोडिंग” में सबसे आगे है, इसलिए गूगल ने इसे अपने साथ जोड़ लिया है. यह एक ऐसा तरीका है जिसमे AI की मदद से कई सॉफ्टवेयर आसानी से बनाए जा सकते है. दोनों कंपनी में समझौता होने के बाद अब गूगल को विंडसर्फ की मुख्य टेक्नोलॉजी (IP) इस्तेमाल करने का अधिकार मिल गया है, लेकिन विंडसर्फ एक अलग कंपनी के तौर पर काम करती रहेगी. साथ ही वह अपनी टेक्नोलॉजी को दूसरों को भी दे सकेगी.
अब वरुण मोहन और उनकी टीम के कुछ सदस्य गूगल के साथ मिलकर काम करेंगे। यह लोग “एजेंटिक कोडिंग” पर काम करेंगे. ये AI टूल ऐसे होंगे जो सिर्फ लिखने में मदद नहीं करेंगे, बल्कि अपने आप ही सहयोगी की तरह काम करेंगे.