कौन है निखिल सोमवंशी? Ola की AI यूनिट Krutrim में काम करने वाले युवा इंजीनियर की रहस्यमयी मौत से उठे कई सवाल

IISc से पढ़ाई, Ola की AI कंपनी में नौकरी, फिर अचानक झील में मिली लाश... क्या वाकई वर्क प्रेशर बना मौत की वजह? Reddit पोस्ट्स और कंपनी स्टेटमेंट में उलझी कहानी ने खड़ा किया टेक इंडस्ट्री के वर्क कल्चर पर सवाल।

By GyanOK

ओला की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी Krutrim में काम करने वाले 23 वर्षीय मशीन लर्निंग इंजीनियर निखिल सोमवंशी की मौत ने देशभर में सनसनी फैला दी है। बेंगलुरु की अगरा झील से 8 मई को बरामद उनकी लाश ने कई अनसुलझे सवाल खड़े कर दिए हैं।

कौन है निखिल सोमवंशी?

एक ओर कंपनी दावा कर रही है कि निखिल पर्सनल लीव पर थे और उन्हें पूरा सपोर्ट दिया गया, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर वर्क प्रेशर और टॉक्सिक मैनेजमेंट की चर्चाएं तेज हैं। खासकर एक Reddit यूजर के पोस्ट ने पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है।

Reddit पर दावा: निखिल पर लाद दिया गया था सारा काम

Kirigawakazuto‘ नाम के यूजर ने Reddit पर लिखा कि वह भी Krutrim में निखिल के साथ काम करता था। उसके अनुसार, जब टीम के दो सदस्य कंपनी छोड़ गए, तो सारा टेक्निकल काम निखिल के सिर पर डाल दिया गया। उन्होंने यह भी लिखा कि मैनेजर के साथ काम करना, विशेष रूप से नए कर्मचारियों के लिए, एक “मानसिक आघात” जैसा था।

कौन थे निखिल सोमवंशी?

निखिल ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु से जुलाई 2024 में ग्रेजुएशन किया था। इसके तुरंत बाद अगस्त 2024 में Krutrim से जुड़ गए थे। उनका विशेष फोकस मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) पर था। उन्होंने मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा फंड किए गए LLM चैटबॉट ‘Saathi’ पर भी काम किया था।

कंपनी का पक्ष

Krutrim की ओर से जारी बयान में कहा गया कि निखिल को अप्रैल में आराम की जरूरत महसूस हुई थी, जिसके बाद उन्हें छुट्टी दी गई थी। 17 अप्रैल को उन्होंने बताया कि वो बेहतर महसूस कर रहे हैं लेकिन और आराम करना चाहते हैं, तो छुट्टी और बढ़ा दी गई थी। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कंपनी निखिल के परिवार और साथियों को हरसंभव सहायता दे रही है।

सोशल मीडिया पर उठा वर्क कल्चर पर सवाल

निखिल की मौत ने देश में एक बार फिर से टेक इंडस्ट्री के वर्क कल्चर और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है। Reddit पर किए गए दावों और कंपनी के स्पष्टीकरण में विरोधाभास ने बहस छेड़ दी है—क्या भारत में कॉर्पोरेट वर्क कल्चर खासकर स्टार्टअप्स में फ्रेशर्स के लिए वाकई जानलेवा साबित हो रहा है?

क्या यह केवल एक संयोग था या सिस्टम की खामी?

हालांकि अभी तक पुलिस की ओर से मौत की वजह को लेकर कोई अंतिम रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इसे महज एक व्यक्तिगत मामला नहीं मान रहे हैं। वे इस घटना को बड़े कॉर्पोरेट सिस्टम के दबाव, अनहेल्दी डेडलाइंस और मैनेजमेंट के व्यवहार से जोड़कर देख रहे हैं।

निखिल सोमवंशी की मौत ने सिर्फ एक युवा इंजीनियर को नहीं छीना, बल्कि एक बार फिर इंडियन टेक इंडस्ट्री के भीतर छिपे उस प्रेशर कूकर की आवाज को बाहर निकाला है, जिसमें हजारों युवा हर दिन जल रहे हैं—कुछ चुपचाप झेलते हैं, कुछ टूट जाते हैं। ये वक्त है कि कंपनियां सिर्फ बयान जारी करने से आगे जाकर कर्मचारियों की मेंटल वेलनेस के लिए ठोस कदम उठाएं।

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