
हम सभी ने अभी तक PAN Card के बारे में सुना है. लेकिन क्या कभी आपने टैन कार्ड (TAN Card) के बारे में सुना है? पैन कार्ड हमारी वित्तीय पहचान का प्रमाण है और इस डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल हर जगह किया जाता है. लेकिन टैन कार्ड उन लोगों के लिए जरूरी है जो किसी को पेमेंट करते समय उसका टैक्स काटते हैं, जैसे कि किसी कंपनी के मालिक या बिज़नेस चलाने वाले लोग. आम लोगों को इसकी ज़रूरत नहीं होती है. बिजनेस करने वाले लोगों के लिएटैन कार्ड बेहद जरूरी है. आइए जानते है कि ये टैन कार्ड क्या होता है.
क्या होता है TAN नंबर?
TAN का मतलब है Tax Deduction and Collection Account Number. यह नंबर 10 अंकों का होता है, जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है. यह उन लोगों के लिए जरूरी होता है, जिन्हें किसी भी पेमेंट से टैक्स काटकर सरकार के पास जमा करना होता है, जिसे TDS या TCS कहते हैं. इसका मतलब है कि अगर आप किसी को कोई पैसा देते हैं और उस पर टैक्स काटने की जिम्मेदारी आपकी है, तो आपके पास TAN नंबर होना ज़रूरी है.
इन लोगों के लिए जरूरी है TAN Card
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 203A के अनुसार, हर उस व्यक्ति या कंपनी को TAN लेना अनिवार्य है, जो TDS काटता है, जैसे –
- सभी कंपनियां (प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड)
- पार्टनरशिप फर्म्स
- एकल स्वामित्व वाले बिजनेस (Sole Proprietorship)
- हिंदू अविभाजित परिवार (HUF)
- ट्रस्ट और सोसायटी
- केंद्र और राज्य सरकार के विभाग
- वो व्यक्ति जिन्हें अपने खातों का ऑडिट कराना अनिवार्य है
टैन कार्ड न होने पर लगेगा जुर्माना
जिन लोगों के पास TAN नंबर नहीं है, उन्हे TDS काटना या जमा करना एक अपराध माना जाएगा. अगर आपके पास TAN नंबर नहीं है तो बैंक आपका टीडीएस चालान स्वीकार नहीं करेंगे. इसके अलावा यदि आप TAN के लिए आवेदन नहीं करते है तो आपको 10,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
TAN के लिए ऐसे करें आवेदन
TAN के लिए आवेदन करना बहुत आसान है. आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए आपको NSDL (National Securities Depository Limited) की वेबसाइट पर जाना होगा और फॉर्म 49B भरना होगा. इसके अलावा आपको फॉर्म के साथ फीस भी जमा करनी होगी. आवेदन करने के 15 दिन के अंदर आपका TAN कार्ड आपके घर आ जायेगा.
