
पैन कार्ड एक महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज है जिसे भारत में आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। इसका उपयोग टैक्स फाइलिंग, बैंकिंग ट्रांजैक्शन, निवेश और अन्य वित्तीय गतिविधियों में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसका पैन कार्ड तुरंत रद्द कराना जरूरी होता है।
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पैन कार्ड का महत्व और उपयोग
पर्मानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन (PAN) एक 10 अंकों की अल्फा-न्यूमेरिक आईडी होती है, जो प्रत्येक टैक्सपेयर्स को प्रदान की जाती है। इसे आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है और यह व्यक्ति की सभी वित्तीय गतिविधियों को ट्रैक करने का जरिया बनता है। चाहे वह IPO में निवेश हो, बैंक खाता खोलना हो या रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy क्षेत्र में निवेश करना हो, पैन कार्ड अनिवार्य है।
मृत्यु के बाद पैन कार्ड कैंसिल करना क्यों जरूरी?
जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी टैक्स संबंधी जिम्मेदारियां खत्म हो जाती हैं। ऐसे में उसके पैन नंबर को जारी रखना फाइनेंशियल फ्रॉड या मनी लॉन्ड्रिंग के लिए रास्ता खोल सकता है। इसलिए आयकर विभाग इस बात पर जोर देता है कि मृत्यु के बाद पैन कार्ड को कैंसिल किया जाए।
डुप्लिकेट पैन कार्ड कैसे चेक करें?
अगर आपको संदेह है कि आपके पास गलती से दो पैन कार्ड जारी हो गए हैं, तो आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर ‘Know Your PAN’ सुविधा के जरिए इसे जांचा जा सकता है। इसके लिए नाम, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी की जरूरत होती है।
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पैन से आधार लिंक की अनिवार्यता
पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है कि सभी पैन कार्ड आधार से लिंक हों। इसका उद्देश्य फर्जी पैन कार्ड और डुप्लिकेट पैन की समस्याओं को खत्म करना है। अगर पैन आधार से लिंक नहीं होता, तो वह निष्क्रिय हो जाता है और उसका उपयोग नहीं किया जा सकता।