
गोवा सरकार ने राज्य में एप-आधारित टैक्सी एग्रीगेटर्स को संचालित करने की अनुमति देने के लिए एक विस्तृत मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे के माध्यम से टैक्सी यूनियनों, स्थानीय ड्राइवरों, और नागरिकों के हितों को संतुलित करने की कोशिश की गई है। हालांकि, इससे उत्तर और दक्षिण गोवा की टैक्सी यूनियनें खासा असंतुष्ट नजर आ रही हैं, जिन्हें यह बदलाव उनकी आजीविका के लिए खतरा प्रतीत होता है।
20 मई को अधिसूचित इन ड्राफ्ट गाइडलाइन्स पर सभी हितधारकों से 30 जून तक सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं। यह एक ऐसा प्रयास है, जिसमें राज्य सरकार नई तकनीकी सुविधाओं और डिजिटल इंडिया के विजन को आगे बढ़ाना चाहती है, लेकिन पारंपरिक टैक्सी सेवाओं के लिए यह बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
स्थानीय यूनियनों की आपत्ति
उत्तर गोवा टैक्सी ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील नाइक का कहना है कि यह मसौदा उन स्थानीय ड्राइवरों के आत्मनिर्भर मॉडल पर सीधा प्रहार है जिन्होंने वर्षों की मेहनत से अपनी पहचान और ग्राहक नेटवर्क बनाया है। उनका मानना है कि अगर एग्रीगेटर्स को राज्य में प्रवेश की खुली छूट दी गई, तो बाहरी राज्य के लोग आकर टैक्सी व्यवसाय पर कब्जा कर सकते हैं।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम ऐसे किसी दिशा-निर्देश को स्वीकार नहीं करेंगे जिससे हमें किसी बड़े कॉर्पोरेट एग्रीगेटर के अधीन काम करने को मजबूर होना पड़े।” उनका यह कथन स्वरोजगार की भावना और आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा से जुड़ा हुआ है।
नए दिशा-निर्देशों में टैक्सी ड्राइवरों के अधिकारों की रक्षा
गोवा सरकार का दावा है कि ये दिशा-निर्देश न केवल एप-आधारित कैब सेवाओं को रेगुलेट करेंगे, बल्कि स्थानीय ड्राइवरों के हितों की रक्षा भी करेंगे। नियमों के अनुसार, प्रत्येक यात्रा पर ड्राइवर को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम किराया मिलेगा।
इसके अलावा, एग्रीगेटर को 72 घंटों के भीतर ड्राइवर को भुगतान करना होगा, अन्यथा 25% पेनल्टी भरनी पड़ेगी। यह प्रावधान ड्राइवरों की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जोड़ा गया है।
कानूनी परमिट और स्वास्थ्य बीमा जैसे अहम प्रावधान
सभी एप एग्रीगेटर्स को केवल उन्हीं ड्राइवरों को शामिल करना होगा जिनके पास गोवा के राज्य या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी वैध परमिट और प्राइवेट सर्विस व्हीकल बैज हो। इसके अलावा, एग्रीगेटर्स को ड्राइवर के साथ एक वैध अनुबंध करना होगा, जिसमें यह साफ तौर पर उल्लेख होगा कि ड्राइवर एक से अधिक एग्रीगेटर के साथ अनुबंध करने के लिए स्वतंत्र होगा।
सबसे अहम बात यह है कि एग्रीगेटर को वर्ष 2025-26 को आधार मानकर प्रत्येक ड्राइवर को कम से कम ₹10 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस कवर देना होगा, जिसमें हर साल 5% की वृद्धि भी अनिवार्य होगी।