
बचत खाता हम सभी के लिए पहला कदम होता है पैसों का हिसाब रखने में। आजकल बिना सेविंग अकाउंट के बैंक से जुड़ा कोई काम करना मुश्किल है। ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि एक बैंक में एक ही बचत खाता खुलता है, पर सच यह है कि आप एक ही बैंक में एक से ज़्यादा बचत खाते खोल सकते हैं। हालाँकि, ऐसा करने के कुछ फायदे भी हैं और कुछ परेशानियाँ भी आ सकती हैं, इसलिए सोच-समझकर ही फैसला लेना चाहिए।
एक ही बैंक में दो सेविंग्स अकाउंट रखने के फायदे
वित्तीय नियंत्रण और प्रबंधन में सुविधा
दो अलग-अलग सेविंग्स अकाउंट होने से व्यक्ति अपने वित्तीय संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर सकता है। उदाहरण के तौर पर, एक खाता रोजमर्रा के खर्चों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है, जबकि दूसरा खाता आपातकालीन निधि-Emergency Fund या दीर्घकालिक बचत के रूप में सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे पैसों को अलग-अलग ज़रूरतों के अनुसार व्यवस्थित करना आसान हो जाता है।
ब्याज दर और सुविधाओं का लाभ
भारत के विभिन्न बैंक कई तरह के सेविंग्स अकाउंट स्कीम्स ऑफर करते हैं जिनमें ब्याज दरें, ट्रांजैक्शन लिमिट, डेबिट कार्ड सुविधाएं और अन्य बैंकिंग लाभ भिन्न होते हैं। एक से अधिक खाता रखने से व्यक्ति को उच्च ब्याज दर-Interest Rate, रिवॉर्ड पॉइंट्स-Rewards, और कैशबैक-Cashback जैसी अतिरिक्त सुविधाओं का फायदा मिल सकता है।
लेनदेन में निरंतरता और सुरक्षा
कभी-कभी तकनीकी गड़बड़ी या बैंकिंग सर्वर की समस्या के कारण एक खाता अस्थायी रूप से काम करना बंद कर सकता है। ऐसे में दूसरा सेविंग्स अकाउंट बैकअप की तरह काम करता है और आपकी डिजिटल पेमेंट-Digital Payment, ऑनलाइन शॉपिंग, या जरूरी ट्रांजैक्शन प्रभावित नहीं होते। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी होती है जो अधिकतर भुगतान डिजिटल मोड में करते हैं।
दो सेविंग्स अकाउंट होने के नुकसान
प्रबंधन की जटिलता और समय की मांग
एक से अधिक सेविंग्स अकाउंट का प्रबंधन करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। हर खाते की बैलेंस अपडेट, पासबुक एंट्री, लेनदेन मॉनिटरिंग, और इंटरनेट बैंकिंग पर नजर रखना समय और ऊर्जा की मांग करता है। कभी-कभी इससे अनावश्यक उलझन और भ्रम भी उत्पन्न हो सकता है।
अतिरिक्त शुल्क और पेनल्टी का खतरा
अधिकतर बैंक अपने सेविंग्स अकाउंट पर न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करने की शर्त रखते हैं। यदि किसी खाते में निर्धारित न्यूनतम राशि नहीं बनी रहती तो बैंक मासिक पेनल्टी-Charge वसूलते हैं। अगर आपके पास दो या तीन खाते हैं, तो सभी में न्यूनतम राशि बनाए रखना एक चुनौती बन सकता है, खासकर तब जब आपकी आमदनी सीमित हो।
क्रेडिट स्कोर और बैंक संबंधों पर असर
यदि आप किसी एक खाते को लंबे समय तक निष्क्रिय छोड़ देते हैं या उस पर ट्रांजैक्शन नहीं करते हैं, तो बैंक उसे डॉर्मेंट घोषित कर सकता है। यह आपकी बैंकिंग गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और क्रेडिट स्कोर-Credit Score पर भी असर पड़ सकता है, विशेष रूप से जब आप भविष्य में लोन-Loan या क्रेडिट कार्ड-Credit Card के लिए आवेदन करते हैं।
प्र. क्या एक ही बैंक में दो सेविंग्स अकाउंट खोलना कानूनी है?
हाँ, आप एक ही बैंक में अलग-अलग प्रकार के खाते जैसे जनरल सेविंग्स, सैलरी अकाउंट, या डिजिटल सेविंग्स अकाउंट एक साथ रख सकते हैं।
प्र. क्या दोनों खातों को एक ही मोबाइल नंबर से लिंक किया जा सकता है?
जी हाँ, बैंक दोनों खातों को एक ही मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और आधार से लिंक कर सकते हैं, बशर्ते आप केवाईसी पूर्ण करें।
प्र. क्या दोनों खातों में अलग-अलग मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी है?
हाँ, हर खाता अपने नियमों के अनुसार न्यूनतम राशि की मांग करता है, और उसमें नियमित संतुलन बनाए रखना अनिवार्य है।