घर की खुदाई में निकला सोना किसका! क्या आप अमीर बन गए या जेल जाना पड़ेगा? जानें

अगर आपके घर की खुदाई में निकले खजाने पर आप अपना हक समझते हैं, तो रुकिए! भारत में दफीना एक्ट के तहत इस पर पहला अधिकार सरकार का होता है। जानिए कैसे बन सकते हैं आप अपराधी और क्या है इसका कानूनी रास्ता।

By GyanOK

जब कभी किसी के घर या खेत की खुदाई में सोना या खजाना (Treasure) निकल आता है, तो लोगों के मन में सबसे पहला सवाल यही आता है कि आखिर इस खजाने पर किसका अधिकार होगा? क्या वह सोना उस व्यक्ति का होगा जिसके घर या जमीन से यह निकला है या फिर सरकार का? फिल्मों और किस्सों में यह पल जिंदगी बदल देने वाला लगता है,

लेकिन असल जिंदगी में इसका एक सख्त कानूनी ढांचा है जिसे Dafina Act कहा जाता है। इस लेख में हम समझेंगे कि Dafina Act क्या है, इस कानून के अंतर्गत क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है, और खजाना मिलने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

घर की खुदाई में निकला सोना किसका! क्या आप अमीर बन गए या जेल जाना पड़ेगा? जानें
घर की खुदाई में निकला सोना किसका! क्या आप अमीर बन गए या जेल जाना पड़ेगा? जानें

खुदाई में मिला खजाना, फिल्मी सच बनाम हकीकत

अक्सर हिंदी फिल्मों और किस्सों में हम देखते हैं कि किसी को खेत या घर की दीवार तोड़ने पर सोने की मूर्तियां, सिक्के या बहुमूल्य वस्तुएं मिल जाती हैं और व्यक्ति रातोंरात अमीर हो जाता है। लेकिन हकीकत में ऐसा होना नामुमकिन नहीं तो आसान भी नहीं है। भारत में ऐसे किसी भी खजाने को खुदाई कर के ढूंढना गैरकानूनी माना गया है। Indian Treasure Trove Act, 1878 को निरस्त कर के Dafina Act, 1971 लाया गया, जो खजानों से जुड़े सभी मामलों को नियंत्रित करता है।

दफीना एक्ट-Dafina Act क्या कहता है?

The Treasure Trove Act, 1971 या आम भाषा में Dafina Act के तहत, अगर किसी व्यक्ति को खुदाई के दौरान कोई बहुमूल्य वस्तु, धातु या खजाना मिलता है, तो उसकी सूचना 30 दिनों के भीतर प्रशासन को देना अनिवार्य होता है। इस एक्ट के अनुसार:

  • खजाने पर प्राथमिक अधिकार सरकार का होता है।
  • व्यक्ति को इसकी सूचना थाने, तहसील या जिला प्रशासन को देनी होती है।
  • प्रशासन उस खजाने को अपने कब्जे में लेकर जांच करता है।
  • यदि वह वस्तु पुरातात्विक महत्व-Archaeological Significance की पाई जाती है, तो उसे भारतीय पुरातत्व विभाग-Archaeological Survey of India (ASI) को सौंप दिया जाता है।

क्या खजाना मिलने पर आपको कुछ मिलता है?

अगर आप नियमानुसार प्रशासन को खजाने की जानकारी देते हैं, और वह खजाना पुरातात्विक महत्व का नहीं है, तब सरकार आपको उसकी कीमत का इनाम या पुरस्कार दे सकती है। लेकिन यह सरकार के विवेक पर निर्भर करता है और इसकी कोई कानूनी गारंटी नहीं होती। अगर आप दावा करते हैं कि खजाना आपका ही है (जैसे पारिवारिक विरासत), तो अदालत में दस्तावेज़ी साक्ष्य प्रस्तुत कर के उस पर हक जताया जा सकता है।

सरकार क्या जब्त कर सकती है?

हाँ, सरकार किसी भी परिस्थिति में वह खजाना जब्त कर सकती है जो बिना सूचना छिपा लिया गया हो। अगर कोई व्यक्ति ऐसा खजाना पाता है और इसकी जानकारी नहीं देता, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। इस तरह के मामलों में:

  • छह महीने तक की जेल या
  • जुर्माना, या फिर
  • दोनों सज़ा संभव है।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्र. क्या जमीन मालिक को खजाने पर पूरा अधिकार होता है?
नहीं, खजाना मिलने पर उस पर सबसे पहले सरकार का अधिकार होता है, भले ही वह आपकी निजी ज़मीन पर ही क्यों न मिला हो।

प्र. क्या मैं खजाने को अपने पास रख सकता हूं अगर मैं उसे खुदाई में पाऊं?
बिलकुल नहीं। ऐसा करना अपराध है और दफीना एक्ट के तहत सजा मिल सकती है।

प्र. अगर मैं प्रशासन को जानकारी देता हूं तो क्या मुझे कुछ मिलेगा?
संभावना है कि आपको इनाम के रूप में कुछ हिस्सा मिले, लेकिन यह सरकार के विवेक पर आधारित होता है।

प्र. क्या पुरातात्विक वस्तु मिलने पर मुझे उसका स्वामित्व मिलेगा?
नहीं। पुरातात्विक महत्व की वस्तु भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती है और वह सरकार की संपत्ति होती है।

प्र. क्या खजाना खोजने के लिए खुदाई करना वैध है?
बिना अनुमति किसी भी प्रकार की खुदाई करना गैरकानूनी है, खासकर जब उसका उद्देश्य खजाना खोजना हो।

घर की खुदाई में अगर सोना या खजाना मिलता है तो वह स्वतः आपका नहीं होता। दफीना एक्ट के अंतर्गत ऐसी कोई भी वस्तु सरकार की संपत्ति मानी जाती है और उसकी जानकारी देना अनिवार्य होता है। इससे न केवल आप कानून के दायरे में सुरक्षित रहेंगे बल्कि कभी-कभी सरकार आपको पुरस्कार के रूप में सम्मानित भी कर सकती है। लेकिन चुपचाप खजाने को छुपाना आपको मुश्किल में डाल सकता है। समझदारी और कानून की जानकारी ही इस स्थिति में आपका सही मार्गदर्शन कर सकती है।

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GyanOK

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