आजकल शहरों में ही नहीं बल्कि गांवों में भी घरों की बालकनी और छतों पर कबूतरों का डेरा आम हो गया है. उनकी “गुटुर-गूं” भले आपको शांतिदूत जैसी लगे, लेकिन उनकी गंदगी और बीमारी फैलाने की आदत लोगों को बुरी तरह परेशान कर रही है. पहले ये कम संख्या में होते थे लेकिन अब इनके झुंड इतने बड़े हो गए हैं की जहां बैठ जाएं वहाँ पर कोई इंसान खड़ा नहीं रह सकता बदबू के कारण, ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक 500 साल पुरानी गांव की तरकीब चर्चा में है, जो कबूतरों को उल्टे पांव भागने पर मजबूर कर देती है।

नकली सांप से थर-थर कांपते हैं कबूतर!
एक यूट्यूब चैनल पर बताए गए इस नुस्खे में आपको सिर्फ एक रबर का नकली सांप चाहिए। इसे खिड़की या बालकनी के उस कोने में रख दें, जहां कबूतर रोज अड्डा जमाते हैं. इस विडिओ में दावा है कि जैसे ही कबूतर इस नकली सांप को देखेंगे, वे कभी वापस नहीं आएंगे. जानकार बताते हैं कि कबूतर सांप को अपना सबसे बड़ा शिकारी मानते हैं, जिससे वे फौरन दूरी बना लेते हैं.
चमक और गंध से भी होती है छुटकारे की शुरुआत
यदि रबर का सांप आपके बजट से बाहर है या आपको ये मिल नहीं पा रहा है तो चमकती चीजों जैसे पुरानी CD, एल्यूमिनियम फॉयल, या रिफ्लेक्टिव रिबन का सहारा भी लिया जा सकता है. हवा में हिलते हुए ये कबूतरों को भ्रमित कर देते हैं. इसके अलावा, लहसुन, काली मिर्च या नेफथलीन बॉल्स की गंध भी उनके लिए असहनीय होती है.
रोजाना सफाई और पानी से मिटाएं कबूतरों की “याददाश्त”
विशेषज्ञ कहते हैं कि कबूतरों को एक बार जहाँ आराम मिलता है, वे वहीं लौटते हैं. लेकिन अगर उस जगह पर रोजाना पानी का छिड़काव किया जाए या घोंसला बनने से पहले ही सफाई कर दी जाए, तो वे उस जगह को छोड़ देंगे. क्योंकि सफाई होने से वहाँ उनकी गंध खत्म हो जाती है जिससे उन्हें याद ही नहीं रहता की यहाँ वो रख चुके हैं.
सोशल मीडिया पर ट्रेंड में देसी ट्रिक्स
इन देसी उपायों के वीडियो यूट्यूब से लेकर इंस्टाग्राम रील्स तक पर वायरल हो रहे हैं। लोग इन तरकीबों को अपनाकर अपने अनुभव भी साझा कर रहे हैं।
तो अब इंतज़ार किस बात का?
आज ही इन उपायों को आजमाएं और कहिए – कबूतर जा जा जा… कभी वापस मत आ!
नोट: ये सभी उपाय इंटरनेट और यूट्यूब वीडियो पर आधारित हैं। Gyanok इसकी पुष्टि नहीं करता, लेकिन हजारों लोग इन्हें अपनाकर राहत की सांस ले रहे हैं।