
अपना घर बनाना हर किसी का सपना होता है, लेकिन जब खेती की जमीन पर घर बनवाने की आती है, तो कई तरह के नियम और कानून लागू होते हैं जिनकी जानकारी होना बेहद जरूरी है। घर बनाने से पहले कानूनी नियमों को जानना बेहद जरूरी है. भारत में अब कृषि भूमि की कमी होती जा रही है जिस वजह से कृषि कार्य कम हुआ जा रहा है. यदि आप भी कृषि भूमि पर घर बनाने का सोच रहे है तो बिना इजाजत के घर बनाना आपके लिए भारी पड़ सकता है. आइए जानते हैं इससे जुड़े नियम
क्या खेती की जमीन पर घर बना सकते हैं?
वैसे भारत में खेती की जमीन का उपयोग सीधे तौर पर रहने के उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता है. कृषि भूमि को गैर-कृषि भूमि में बदलना जरूरी होता है. हालांकि, कुछ राज्यों में कृषि भूमि पर फार्महाउस या कृषि से संबंधित अस्थायी निर्माण की अनुमति कुछ शर्तों के साथ मिल सकती है।
खेती की जमीन पर घर बनवाने के नियम
सबसे पहले आपको उसका कन्वर्जन कराना ज़रूरी होता है, यानी कृषि भूमि को आवासीय भूमि में बदलना होगा. ये नियम सभी राज्यों में लागू नहीं होते, कुछ ही राज्यों में इसकी जरूरत होती है. भूमि को आवासीय भूमि में बदलने के लिए आपको सरकार को शुल्क देना होता है. इसके अलावा घर बनाने की अनुमति के लिए म्युनिसिपल काउंसिल या ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना भी अनिवार्य है। इन सभी कामों को पूरा करने के बाद आप अपनी खेती की जमीन पर घर बना सकते है.
कुछ राज्यों में कृषि भूमि पर छोटे फार्महाउस बनाने की अनुमति मिल जाती है, लेकिन इसके लिए भी कुछ नियमों और शर्तों का पालन करना होता है.