
आज के समय में अधिकतर लोग अपना घर खरीदने के लिए होम लोन-Home Loan का सहारा लेते हैं। जब लोन लिया जाता है, तो यह मानकर चला जाता है कि हर महीने आराम से EMI भर देंगे। लेकिन ज़िंदगी की अनिश्चितताएं—जैसे नौकरी जाना, बीमारी या अचानक आय में कमी—कई बार उस संतुलन को बिगाड़ देती हैं। ऐसे में यह सवाल अक्सर मन में आता है कि अगर Home Loan की EMI समय पर नहीं भर पाए तो क्या होगा? क्या बैंक मकान जब्त कर लेगा? क्या तुरंत नीलामी हो जाएगी? इस लेख में हम इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से देंगे और यह भी बताएंगे कि इस स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है।
पहली EMI चूकने पर बैंक का रवैया
जब आप पहली बार अपनी EMI नहीं भर पाते, तो बैंक इसे सामान्य मानते हुए कोई बड़ा कदम नहीं उठाता। इस स्थिति को मानवीय त्रुटि या अस्थायी परेशानी समझा जाता है। आम तौर पर बैंक आपको फोन, ईमेल या पत्र के माध्यम से रिमाइंडर भेजते हैं। यह चेतावनी होती है कि आपकी EMI बकाया है और जल्द से जल्द इसे भरना जरूरी है।
लगातार तीन EMI न भरने पर NPA घोषित
यदि कोई ग्राहक लगातार तीन महीने यानी 90 दिन तक EMI नहीं भरता, तो बैंक उस लोन को एनपीए-NPA (Non Performing Asset) घोषित कर देता है। इसके बाद ग्राहक को आधिकारिक रूप से Loan Defaulter मान लिया जाता है। यह स्थिति गंभीर मानी जाती है क्योंकि यह बैंक को कानूनी कार्रवाई की अनुमति देती है।
नीलामी की प्रक्रिया कब शुरू होती है?
तीन महीनों तक EMI नहीं भरने के बाद भी, बैंक तुरंत प्रॉपर्टी को नीलाम नहीं करता। पहले बैंक ग्राहक को एक 60 दिन का कानूनी नोटिस भेजता है। इस अवधि में ग्राहक को यह मौका दिया जाता है कि वह बकाया चुका दे या समाधान के लिए बैंक से बातचीत करे। आप चाहें तो लोन की री-स्ट्रक्चरिंग, EMI में बदलाव, या कुछ महीनों के लिए राहत की मांग कर सकते हैं।
क्या बैंक तुरंत कब्जा ले लेता है?
NPA घोषित होने के बाद भी, बैंक तुरंत आपकी प्रॉपर्टी पर कब्जा नहीं करता। पूरी नीलामी प्रक्रिया को पूरा करने में कम से कम 6 से 7 महीने का समय लग सकता है। इस अवधि में भी आपके पास समाधान निकालने और प्रॉपर्टी बचाने के विकल्प खुले रहते हैं।
बैंक नीलामी कैसे करता है?
अगर 60 दिन की मोहलत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकलता, तो बैंक SARFAESI Act के तहत कार्रवाई करते हुए प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेता है। फिर बैंक मूल्यांकन कराता है और नीलामी की तारीख तथा शर्तों का नोटिस जारी करता है। यह नोटिस सार्वजनिक रूप से प्रकाशित किया जाता है ताकि बोली लगाने वाले सामने आ सकें।
क्या नीलामी रोकी जा सकती है?
अगर आपको लगता है कि आपकी प्रॉपर्टी का मूल्य कम आंका गया है या नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है, तो आप बैंक के सामने आपत्ति दर्ज कर सकते हैं या कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। कई मामलों में बैंक समझौते के लिए भी तैयार हो जाते हैं, खासकर अगर आप भुगतान की वास्तविक योजना प्रस्तुत करें।
प्रॉपर्टी बिकने के बाद क्या पैसा वापस मिलता है?
अगर आपकी प्रॉपर्टी की बिक्री के बाद बैंक का पूरा बकाया वसूल हो जाता है और कुछ रकम बचती है, तो वह शेष राशि आपको वापस दी जाती है। यह पैसा पूरी तरह से आपका हक होता है। लेकिन ध्यान रखें, यह केवल तभी संभव है जब प्रॉपर्टी की बिक्री से अधिक रकम मिले।