इस गांव में सुबह 4 बजे हो जाती है दोपहर, सबसे पहले उगता है सूरज

अगर आपको उगता सूरज देखना पसंद है, तो जानिए भारत के उस गांव के बारे में जहां सूरज सबसे पहले निकलता है – वो भी सुबह 4 बजे! अरुणाचल प्रदेश की पहाड़ियों में बसे डोंग गांव का नजारा आपको रोमांच और शांति दोनों का अनुभव कराएगा।

By GyanOK

बदलते दौर और भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां लोग देर रात तक जागते हैं और सुबह सूरज चढ़ने के बाद उठते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें उगते सूरज को देखना जीवन का खास अनुभव लगता है। ऐसे लोगों के लिए भारत का एक गांव किसी जन्नत से कम नहीं – अरुणाचल प्रदेश का डोंग गांव

इस गांव में सुबह 4 बजे हो जाती है दोपहर, सबसे पहले उगता है सूरज

डोंग को ‘भारत का पहला सूर्योदय स्थल’ कहा जाता है। यह गांव अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में स्थित है और यहां हर दिन भारत का पहला सूरज उगता है – वो भी सुबह 4 बजे के आसपास

यहां उगता है भारत का सबसे पहला सूरज

डोंग गांव को पूर्वोत्तर भारत का मोती कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यह भारत के सबसे पूर्वी छोर पर स्थित है और इसलिए यहां देशभर में सबसे पहले सूर्योदय होता है। यहां सूरज की पहली किरण धरती पर तब पड़ती है जब देश के बाकी हिस्सों में लोग गहरी नींद में होते हैं।

सूर्योदय का यह नजारा बेहद खास होता है। आसमान में हल्की लालिमा, पहाड़ों पर बर्फ की चमक और हवा में बसी ताजगी – यह सब मिलकर एक ऐसा अनुभव बनाते हैं जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

सुबह 2 बजे से लगती है भीड़

इस दृश्य को देखने के लिए लोग सुबह 2 से 3 बजे के बीच डोंग वैली पहुंचने लगते हैं। जैसे-जैसे सूरज की किरणें पहाड़ियों पर पड़ती हैं, पूरा वातावरण शांत, निर्मल और आत्मा को छूने वाला हो जाता है। यह दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

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समुद्र तल से 1,240 मीटर की ऊंचाई

डोंग गांव करीब 1,240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह घाटी लोहित, ब्रह्मपुत्र और सती नदियों के संगम के पास फैली हुई है। इस क्षेत्र की सीमा चीन और म्यांमार से भी लगती है, जिससे इसका भौगोलिक महत्व भी बढ़ जाता है।

यहां तक पहुंचने के लिए चाहिए खास परमिट

डोंग गांव एक संवेदनशील और संरक्षित क्षेत्र है, जहां कई आदिवासी जनजातियां रहती हैं। इसलिए यहां पहुंचने के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) लेना अनिवार्य है। यह परमिट अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया जाता है और इसे ऑनलाइन या गुवाहाटी, तेजू, तवांग जैसे शहरों से प्राप्त किया जा सकता है।

सूर्योदय तक का सफर: ट्रेकिंग का रोमांच

डोंग वैली का सूर्योदय देखने के लिए पर्यटकों को अंधेरे में ट्रेकिंग करनी होती है। यह रास्ता कठिन जरूर होता है लेकिन नजारा उस मेहनत को पूरी तरह सार्थक कर देता है। इस ट्रेक के दौरान आप महसूस करते हैं – पक्षियों की चहचहाहट, ठंडी हवा का झोंका, पेड़ों की सरसराहट और तापमान में गिरावट, ये सब मिलकर एक अद्भुत अनुभव बनाते हैं।

क्यों है खास?

डोंग वैली न सिर्फ भारत का सबसे पहला सूर्योदय स्थल है, बल्कि यह उन चंद जगहों में से है जहां आप प्रकृति के सबसे खूबसूरत और शांत रूप को बहुत करीब से देख सकते हैं। अगर आप प्राकृतिक सौंदर्य, एडवेंचर, और शांति को साथ महसूस करना चाहते हैं तो डोंग आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है।

अगर आप कभी यह सोचें कि जीवन में कुछ नया और सुकून भरा देखना है, तो अरुणाचल प्रदेश के डोंग गांव का सूर्योदय जरूर अपनी बकेट लिस्ट में शामिल करें। क्योंकि यहां सूरज न सिर्फ पहाड़ों को, बल्कि दिलों को भी रोशन करता है।

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