अब से आधार कार्ड में नहीं होगा किसी का नाम, न पिता का न पति का, क्या है वजह?

भारत में हर नागरिक के लिए आधार कार्ड उसकी पहचान का महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुका है, स्कूल में एड्मिशन हो या सरकारी योजनाओं का लाभ लेना, हर जगह आधार अनिवार्य है, लेकिन आधार कार्ड में एक बड़ा बदलाव किया गया है, जो लोगों की निजता से जुड़ता है,

By GyanOK

अब से आधार कार्ड में नहीं होगा किसी का नाम, न पिता का न पति का, क्या है वजह?
अब से आधार कार्ड में नहीं होगा किसी का नाम, न पिता का न पति का, क्या है वजह?

भारत में हर नागरिक के लिए आधार कार्ड उसकी पहचान का महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुका है, स्कूल में एड्मिशन हो या सरकारी योजनाओं का लाभ लेना, हर जगह आधार अनिवार्य है, लेकिन आधार कार्ड में एक बड़ा बदलाव किया गया है, जो लोगों की निजता से जुड़ता है, अब आधार कार्ड में पिता, पति या किसी अन्य रिश्तेदार का जिक्र केयर ऑफ के रुप में होगा।

क्या है आधार में हुआ यह नया बदलाव?

अब तक, आधार कार्ड में व्यक्ति के नाम के साथ उनके पिता, माता या पति के नाम का उल्लेख “Son Of”, Daughter Of या Wife Of के रूप में किया जाता था। यह पहचान का एक परंपरागत तरीका था, जिससे व्यक्तिगत रिश्ते आधार कार्ड पर स्पष्ट हो जाते थे। लेकिन अब इस प्रक्रिया को बदलते हुए C/O (Care Of) का विकल्प दिया गया है।

क्यों लिया गया यह निर्णय?

UIDAI ने यह निर्णय भारत के नागरिकों की निजता की सुरक्षा के लिए लिया है। वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला दिया था, जिसमें कहा गया था कि किसी भी व्यक्ति की संवेदनशील जानकारी (Sensitive Information) और व्यक्तिगत पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

आधार की पहचान और गोपनीयता

आधार कार्ड में हर नागरिक को एक 12 अंकों का यूनिट नंबर दिया जाता है, जो उसकी पहचान को सबसे अलग और विशिष्ट बनाता है, इस नंबर के साथ फिंगरप्रिंट और आईरिस जैसे बायोमेट्रिक डेटा भी जुड़े होते है, जिससे व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित होती है, सरकार का मानना है की आधार का यह यूनिक नंबर पहचान के लिए पर्याप्त है, और इससे जुड़े रिश्तों का जिक्र करना आवश्यक नहीं है।

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