
भारत की सबसे बड़ी परीक्षा UPSC सिविल सेवा होती है. इस एग्जाम को पास करने के बाद आवेदक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और अन्य केंद्रीय सिविल सेवाओं में शामिल होते है. यह परीक्षा केवल भारतीय नागरिकों के लिए होती है, लेकिन अब खास शर्तों के तहत नेपाल, भूटान और अन्य देशों के नागरिक भी इसमें शामिल हो सकते है.
विदेशी उम्मीदवारों को इस परीक्षा में आवेदन करने के लिए शैक्षिक योग्यता और आयु सीमा जैसे जरुरी पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। नेपाल और भूटान के नागरिक कुछ केंद्रीय सेवाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं, बस उनके पास भारत सरकार से प्राप्त योग्यता प्रमाण पत्र होना चाहिए।
इन देशों के लोग UPSC एग्जाम दे सकते है
यह परीक्षा बहुत मुश्किल होती है और इसमें तीन स्टेप्स होते है. Prelims, Mains and Interview. इस परीक्षा को देने के लिए उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होना जरुरी है, लेकिन कुछ स्थिति में नेपाल, भूटान और अन्य देशों के नागरिक भी इस परीक्षा को दे सकते है, लेकिन इसके अलग नियम होते है.
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए पात्रता
- नेपाल या भूटान के नागरिक सिर्फ कुछ केंद्रीय सिविल सेवाओं जैसे – IAS, IPS, और IFS को छोड़कर अन्य एग्जाम के लिए आवेदन कर सकते है, लेकिन उनके पास भारत सरकार द्वारा जारी पात्रता प्रमाण पत्र होना चाहिए।
- 1 जनवरी 1962 से पहले जो तिब्बती शरणार्थी भारत में स्थायी रूप से रहने आये थे, वे आवेदन कर सकते है.
- साथ ही जो लोग पाकिस्तान, बर्मा, श्रीलंका, केन्या, युगांडा, तंजानिया, जाम्बिया, मलावी, जायरे, इथियोपिया या वियतनाम से भारत में स्थायी रूप से रहने आए थे, वह भी आवेदन कर सकते है, हालांकि उनके पास भी पात्रता प्रमाण पत्र होना ज़रूरी है.
नेपाल और भूटान के नागरिक भी दे सकते है UPSC एग्जाम
भले ही नेपाल और भूटान को विदेशी माना जाता है, लेकिन वह भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा से सकते है. हालांकि वह IAS, IPS, और IFS जैसी सेवाओं में आवेदन नहीं कर सकते है. वह सिर्फ अन्य केंद्रीय सिविल सेवाओं जैसे – ग्रुप A और कुछ ग्रुप B के लिए अप्लाई कर सकते है, लेकिन इन परीक्षाओं के लिए भी उनके पास भारत सरकार का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है. इसके अलावा श्रीलंका के नागरिक इस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं.