
सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी UPI का चलन बढ़ गया है. भारत में ज्यादातर लेन -देन UPI में माध्यम से होता है. फिर चाहे जो सब्जी हो. शॉपिंग या बिल जमा करना हो, सभी काम UPI से हो रहे है. लेकिन हाल ही में ऐसी खबर आ थी कि 2000 रुपए से जायदा UPI ट्रांजैक्शन करने पर टैक्स लगेगा, लेकिन सरकार ने इस बात को साफ कर दिया है.
सरकार ने कहा की UPI पर 2,000 रुपए से ज्यादा ट्रांजेक्शन पर टैक्स लगाने का ऐसा कोई विचार नहीं हैं, यह खबर पूरी तरह से झूठी है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार UPI के जरिए डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है.
UPI को बढ़ावा दे रही सरकार
आज के समय ऑनलाइन पेमेंट करने में UPI सबसे टॉप पर है. ये एक सुरक्षित और आसान तरीका है, इसलिए सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना चलाई है. इस योजना का उद्देश्य यूपीआई ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना. जिससे छोटे दुकानदारों को लाभ होता है. इस योजना के तहत पिछले कुछ सालों में बहुत पैसों का लेन -देन हुआ है. वित्त वर्ष 2021-22 में 1,389 करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2022-23 में 2,210 करोड़ रुपए और वर्ष 2023-24 में 3,631 करोड़ रुपए का लेन -देन हुआ.
सरकार ने साफ की बात
UPI ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगने की बात पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि GST से संबंधी सभी फैसले सिर्फ GST काउंसिल की सिफारिशों के आधार पर तय किए जाते हैं. अभी तक काउंसिल की तरफ से 2000 रुपए ज्यादा ट्रांजैक्शन पर GST लगाने की कोई सिफारिश नहीं आई है.