1 अगस्त 2025 से देश के बड़े प्राइवेट बैंक ICICI बैंक ने UPI ट्रांजेक्शंस पर चार्ज लगाने का फैसला किया है. अब पेमेंट एग्रीगेटर्स से हर UPI ट्रांजेक्शन पर 0.02% का चार्ज लिया जाएगा. इस फैसले के बाद ICICI बैंक का नाम उन बैंकों में शामिल हो गया है, जो पहले से UPI पेमेंट्स पर शुल्क वसूल रहे हैं.

क्या है पेमेंट एग्रीगेटर्स और चार्ज का मतलब?
पेमेंट एग्रीगेटर्स वे कंपनियां होती हैं जो ऑनलाइन व्यापारियों को ग्राहकों से भुगतान लेने में मदद करती हैं. उदाहरण के लिए, PhonePe, Paytm और Razorpay जैसी कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं. ICICI बैंक का नया चार्ज उन ट्रांजेक्शंस पर लागू होगा जो सीधे ICICI बैंक के मर्चेंट अकाउंट से नहीं जुड़ी होंगी. अगर व्यापारी का अकाउंट ICICI बैंक में है, तो यह चार्ज नहीं लगेगा.
अब तक किन बैंकों ने लिया था यह कदम?
ICICI बैंक से पहले Yes बैंक और Axis बैंक ने भी पिछले कुछ महीनों में पेमेंट एग्रीगेटर्स से ऐसे ही चार्ज लेना शुरू किया था. इन बैंकों के फैसले के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शंस की लागत पर असर पड़ सकता है.
क्या होगा इसका असर?
ICICI बैंक का यह कदम पेमेंट एग्रीगेटर्स पर एक अतिरिक्त दबाव डाल सकता है. कुछ कंपनियां इस अतिरिक्त खर्च को खुद वहन कर सकती हैं, लेकिन अगर अन्य बैंकों ने भी यही कदम उठाया, तो यह अतिरिक्त खर्च ग्राहक और व्यापारियों पर भी असर डाल सकता है.
क्या डिजिटल पेमेंट्स महंगे हो सकते हैं?
अगर सभी बड़े बैंक इस तरह के चार्ज लगाने लगें, तो डिजिटल पेमेंट्स की लागत बढ़ सकती है। हालांकि, इस बदलाव से डिजिटल पेमेंट्स के इकोसिस्टम में नया बदलाव देखने को मिल सकता है.