
आज के समय में तकनीक ने हमारी जिंदगी को एक नए मुकाम तक पहुंचा दिया है। लेकिन साथ ही, कुछ ऐसी खतरनाक टेक्नोलॉजी भी उभर रही हैं, जो इंसानियत के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं। आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI), माइक्रो ड्रोन, क्वांटम कंप्यूटिंग, CRISPR जीन एडिटिंग और जनरेटिव AI जैसी तकनीकों ने हमारी दुनिया को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखी है। ये तकनीकें न सिर्फ हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करेंगी, बल्कि कई बार इनके दुष्प्रभाव मानवता के लिए भारी पड़ सकते हैं।
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आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) का खतरा
आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) वह स्तर है जहां मशीनें मानव मस्तिष्क की तरह सोच सकती हैं, समझ सकती हैं और निर्णय ले सकती हैं। Google DeepMind के CEO डेमिस हसाबिस ने हाल ही में चेतावनी दी है कि AGI के विकास से पारंपरिक नौकरियां खतरे में आ सकती हैं और यह तकनीक कार्यक्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकती है। इससे जुड़े जोखिमों को समझना और सावधानीपूर्वक कदम उठाना बहुत जरूरी हो गया है।
माइक्रो ड्रोन और कीट आकार के ड्रोन
माइक्रो ड्रोन और कीट आकार के ड्रोन भी तेजी से विकसित हो रहे हैं। चीन और रूस जैसे देश इन छोटे, लेकिन बेहद खतरनाक ड्रोन का उपयोग गुप्त निगरानी, जासूसी और निशाना बनाने के लिए कर रहे हैं। ये ड्रोन AI से लैस होते हैं और बिना पकड़े जाने के हमले कर सकते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चुनौती है।
क्वांटम कंप्यूटिंग और डेटा सुरक्षा पर प्रभाव
क्वांटम कंप्यूटिंग का बढ़ता प्रभाव पारंपरिक डेटा सुरक्षा प्रणालियों के लिए खतरा बन गया है। क्वांटम कंप्यूटर की असाधारण गणना क्षमता पारंपरिक एन्क्रिप्शन तकनीकों को तोड़ सकती है, जिससे साइबर अपराधियों को संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने का रास्ता मिल सकता है। यह साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती पेश करता है।
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CRISPR और जीन एडिटिंग के जोखिम
CRISPR जैसी जीन एडिटिंग तकनीक ने चिकित्सा और जैविक अनुसंधान में क्रांति ला दी है, लेकिन इसके अनियंत्रित उपयोग से पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन और जैविक हथियारों का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है। जीन ड्राइव्स की मदद से आनुवंशिक बदलावों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की क्षमता इंसान और पर्यावरण दोनों के लिए जोखिम भरी हो सकती है।
जनरेटिव AI और डीपफेक्स का दुष्प्रभाव
जनरेटिव AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी ने सूचना और मनोरंजन की दुनिया में बदलाव ला दिया है, लेकिन यह गलत सूचना फैलाने, राजनीतिक अस्थिरता बढ़ाने और व्यक्तिगत गोपनीयता के उल्लंघन के लिए भी इस्तेमाल हो रही है। इससे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचने की आशंका बनी हुई है।
संतुलित विकास और जागरूकता की जरूरत
आखिरकार, ये पांच टेक्नोलॉजी मानवता के लिए दोधारी तलवार की तरह हैं। इनके सही उपयोग से लाभ हो सकता है, लेकिन सावधानी न बरती गई तो ये खतरनाक परिणाम भी ला सकती हैं। इसलिए तकनीकी विकास के साथ-साथ नियम, नीति और जागरूकता की भी उतनी ही जरूरत है ताकि हम इन खतरों से सुरक्षित रह सकें।
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