‘सभी रिटायर्ड जजों को मिले समान पेंशन’ – वन रैंक वन पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में सभी हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को बिना किसी भेदभाव के समान और पूर्ण पेंशन देने का आदेश दिया है। ‘वन रैंक, वन पेंशन’ सिद्धांत को समर्थन देते हुए कोर्ट ने जिला जजों और NGT जजों के लिए भी समान लाभ सुनिश्चित किए हैं। यह फैसला न्यायिक गरिमा और स्वतंत्रता को सुदृढ़ करता है।

By GyanOK

‘सभी रिटायर्ड जजों को मिले समान पेंशन’ – वन रैंक वन पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
Supreme Court India

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बहुत ही अहम फैसला सुनाया है, जिससे देश के सभी रिटायर्ड जजों को बड़ी राहत मिली है। इस फैसले के मुताबिक, अब हाईकोर्ट के सभी रिटायर्ड जजों को पूरी और बराबर पेंशन मिलेगी। यह पेंशन इस बात पर निर्भर नहीं होगी कि वे कब नियुक्त हुए थे या वे स्थायी जज थे या अतिरिक्त। यह नियम सभी पर एक जैसा लागू होगा।

अब नहीं होगा जजों के बीच कोई भेदभाव

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हाईकोर्ट के जजों में अब यह फर्क नहीं किया जाएगा कि वे सीधे वकीलों के रूप में आए थे या फिर जिला अदालत से प्रमोशन पाकर। चाहे वे किसी भी तरीके से नियुक्त हुए हों, अब उन्हें पूरी पेंशन दी जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह भेदभाव संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ है, जो हर नागरिक को बराबरी का अधिकार देता है।

रिटायरमेंट के बाद भी मिलेगा बराबरी का हक

मुख्य न्यायाधीश बीआर गावई की अध्यक्षता वाली बेंच ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के सिद्धांत का समर्थन किया और कहा कि जैसे सेवा में रहते हुए सभी जजों को समान वेतन मिलता है, वैसे ही रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें सभी लाभ समान रूप से मिलना चाहिए। इससे न्यायपालिका की गरिमा बनी रहेगी और जजों को न्यायिक फैसले लेने में आजादी मिलेगी, क्योंकि उन्हें भविष्य की आर्थिक चिंताओं से राहत मिलेगी।

NGT और जिला जजों को भी मिलेगा फायदा

यह फैसला सिर्फ हाईकोर्ट तक ही सीमित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के जजों और जिला अदालतों के जजों को भी शामिल किया है। इसका मतलब है कि अब उन्हें भी रिटायरमेंट के बाद वही सभी लाभ मिलेंगे जो हाईकोर्ट के जजों को मिलते हैं। इससे निचली अदालतों में काम करने वाले जजों को भी समान सम्मान और सुरक्षा मिलेगी।

पेंशन की रकम भी तय की गई

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह आदेश दिया है कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) को सालाना ₹15 लाख और अन्य रिटायर्ड जजों को ₹13.5 लाख की पेंशन दी जाए। यह रकम हर साल दी जाएगी और इसे पूरी पेंशन माना जाएगा। यह न सिर्फ वित्तीय मदद है, बल्कि न्यायिक सेवा की सालों की मेहनत और ईमानदारी का सम्मान भी है।

अब ग्रेच्युटी और फैमिली पेंशन में भी समानता

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ग्रेच्युटी, विधवा पेंशन और परिवारिक लाभ जैसे फायदे भी सभी रिटायर्ड जजों को बराबर मिलेंगे। इससे उनके परिवारों को भी न्याय मिलेगा और किसी को कम या ज्यादा पेंशन देने जैसा भेदभाव नहीं होगा।

Author
GyanOK

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें