
देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप्स पर बैन लगाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप्स की बढ़ती पहुँच और उनके दुरपयोग पर सुनवाई करते हुए SC ने सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है की इसपर क्या कदम उठाए गए हैं। बता दें याचिका में यह आरोप लगाया गया है की इस तरह की सट्टेबाजी जुएं के सामान हैं। ऐसे ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर सख्त नियम लागू किए जाएं।
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कोर्ट ने इन कंपनियों से माँगा जवाब
बता दें ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप्स पर दायर याचिका के बाद राज्य सरकार ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में कई अहम केंद्रीय एजेंसियों और कंपनियों के पक्षकार बनाते हुए जवाब माँगा है। इसके लिए कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED), गूगल इंडिया, ऐपल इंडिया, TRAI, ड्रीम 11 फैंटसी स्पोर्ट, A23 गेम्स और मोबाइल प्रेमियर लीग (MPL) जैसी जानी-मानी कंपनियों से जवाब माँगा है।
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क्यों उठ रहे हैं इन ऐप्स पर सवाल
बता दें कुछ समय से सट्टेबाजी और फैंटसी ऐप्स जैसे MPL, ड्रीम 11 फैंटसी स्पोर्ट और A23 की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। इनमें रियल मनी का लेनदेन होता है, जो जुए की आदतों को बढ़ने के साथ-साथ लोगों को आर्थिक रूप से भी नुक्सान पहुंचाता है।
इसे लेकर कई राज्यों ने पहले ही ऐसे ऐप्स को प्रतिबंधित करने की कोशिश की है। जिसके बाद अब कोर्ट ने इन कंपनियों और एजेंसियों से जवाब माँगा है की इन्होने सट्टेबाजी और रियाल मनी गेमिंग से जुड़े कंटेंट को लेकर क्या दिशा-निर्देश अपने हैं और इसे किस हद तक कंट्रोल किया है।
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