
सुधा दूध-Sudha Milk की कीमतों में एक बार फिर से बढ़ोतरी की गई है, जिससे महंगाई की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (COMFED) ने यह ऐलान किया है कि सुधा डेयरी के विभिन्न प्रकार के दूध की कीमतों में 2 से 3 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की जा रही है। नई दरें 22 मई 2025 से प्रभावी होंगी। इस वृद्धि के साथ सुधा गोल्ड फुल क्रीम दूध की कीमत अब 65 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जो पहले 62 रुपये थी। इसी तरह सुधा शक्ति दूध अब 57 रुपये प्रति लीटर मिलेगा, जबकि पहले यह 55 रुपये में उपलब्ध था। सुधा काऊ मिल्क की नई कीमत 54 रुपये प्रति लीटर तय की गई है, जो पहले 52 रुपये थी।
उपभोक्ताओं के लिए चिंता की बात
इस मूल्यवृद्धि का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा, खासकर उन परिवारों पर जो प्रतिदिन बड़ी मात्रा में दूध की खपत करते हैं। बढ़ती महंगाई के इस दौर में जब सब्जियों, राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें पहले से ही ऊंचाई पर हैं, ऐसे में दूध की कीमत में यह बढ़ोतरी आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त भार डालेगी। हालांकि कॉम्फेड ने यह स्पष्ट किया है कि सुधा के अन्य उत्पाद जैसे घी, दही, लस्सी और पेड़ा की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे कुछ हद तक राहत की उम्मीद की जा सकती है।
कीमत बढ़ने की वजहें
कॉम्फेड ने सुधा दूध की कीमतों में हुई वृद्धि के पीछे उत्पादन लागत में बढ़ोतरी, पशुचारे की महंगी दरें और वितरण लागत में इजाफे को प्रमुख कारण बताया है। डेयरी उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के महीनों में पशुपालकों को चारे और रख-रखाव की लागत में भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ा है, जिससे दूध उत्पादन की लागत बढ़ गई है। इसके अलावा, ईंधन की कीमतों में वृद्धि के चलते दूध के ट्रांसपोर्टेशन पर भी अतिरिक्त खर्च आ रहा है, जिसका बोझ अंततः उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है।
अन्य डेयरी ब्रांड्स का रुख
सुधा के अलावा देश की अन्य प्रमुख डेयरी ब्रांड्स जैसे अमूल-AMUL और मदर डेयरी-Mother Dairy ने भी हाल ही में दूध के दाम बढ़ाए हैं। अमूल ने 1 मई 2025 से अपने विभिन्न प्रकार के दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी। इसका असर फुल क्रीम, टी-स्पेशल, स्लिम एंड ट्रिम और गाय के दूध जैसे वेरिएंट्स पर पड़ा था। माना जा रहा है कि सुधा की इस ताजा मूल्यवृद्धि का फैसला अमूल और मदर डेयरी के फैसलों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
दूध की कीमतों में हो रही इस लगातार वृद्धि के बीच उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे अपने खर्चों की योजना पुनः बनाएं और कोशिश करें कि आवश्यकता अनुसार ही दूध का उपयोग करें। कुछ परिवारों द्वारा पौधों से मिलने वाले विकल्प जैसे सोया मिल्क, ओट मिल्क आदि का भी उपयोग किया जा रहा है, खासकर शाकाहारी और स्वास्थ्य-सचेत उपभोक्ताओं के बीच। हालांकि, सुधा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को देखते हुए इसकी मांग में तत्काल गिरावट की संभावना कम ही है।