अगर आप बार-बार प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड सिम बदलते रहते हैं, तो आपके लिए एक जरूरी खबर है. टेलिकॉम विभाग (DoT) ने मोबाइल सिम कार्ड से जुड़े नियमों में काफी बदलाव किये हैं, इससे अब सिर्फ 30 दिन बाद दोबारा बदलाव किया जा सकेगा. इससे पहले यूजर्स को 90 दिन तक इंतजार करना पड़ता था.

क्या है नया नियम?
अब अगर आप पहली बार अपने सिम को प्रीपेड से पोस्टपेड या पोस्टपेड से प्रीपेड में बदलते हैं, तो अगले बदलाव के लिए आपको केवल 30 दिन का इंतजार करना होगा. यानी अब ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी मिल गई है. हालांकि, दूसरी बार और उसके बाद किए गए हर बदलाव के बीच 90 दिन का गैप जरूरी रहेगा.
समय से पहले करना है बदलाव? तो जान लें ये बातें
अगर आप 30 या 90 दिन की सीमा पूरी होने से पहले ही फिर से बदलाव करना चाहते हैं (मान लीजिए नेटवर्क की समस्या हो या कोई जरूरी प्लान लेना हो), तो आपको फ्रेश KYC करानी होगी. साथ ही, यह प्रक्रिया केवल ऑपरेटर के अधिकृत आउटलेट या ग्राहक सेवा केंद्र से ही पूरी की जा सकेगी.
यह बदलाव अब OTP आधारित डिजिटल प्रोसेस के जरिए भी किया जा सकता है, जिससे काम और आसान हो गया है।
पहली बार बदलाव | 30 दिन बाद |
अगली बार (हर बार) | 90 दिन बाद |
तय समय से पहले बदलाव | फ्रेश KYC + अधिकृत आउटलेट से प्रोसेस |
कंपनियां देंगी लॉक-इन पीरियड की जानकारी
अब जब भी कोई यूजर अपने सिम का प्लान बदलता है, टेलीकॉम कंपनी उसे लॉक-इन पीरियड यानी अगला बदलाव कितने दिन बाद किया जा सकता है इसकी जानकारी पहले से ही देगी. इससे ग्राहकों को आगे की प्लानिंग करने में सुविधा होगी.
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
पिछले कुछ सालों में कई यूजर्स को यह शिकायत रही कि टैरिफ, नेटवर्क या सर्विस से जुड़ी समस्याओं के चलते वे जल्दी-जल्दी अपना प्लान बदलना चाहते हैं, लेकिन 90 दिन लॉक-इन पीरियड के कारण वे ऐसा नहीं कर पाते थे. अब इस नए नियम से उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिलेगी.