School Timings: गर्मी बढ़ते ही बदला स्कूलों का समय, इस राज्य में 26 मई से नए टाइम पर लगेंगी क्लासेस

कश्मीर घाटी में गर्मी की गंभीर स्थिति को देखते हुए, स्कूल शिक्षा निदेशालय ने 26 मई से स्कूलों के समय में बदलाव की घोषणा की है। श्रीनगर के शहरी स्कूल अब सुबह 8:30 से दोपहर 2:30 तक और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल 9 से 3 तक चलेंगे। यह निर्णय सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर लागू होगा, जिससे छात्रों को गर्मी से राहत मिलेगी।

By GyanOK

School Timings: गर्मी बढ़ते ही बदला स्कूलों का समय, इस राज्य में 26 मई से नए टाइम पर लगेंगी क्लासेस
School Timings

कश्मीर घाटी में इस समय भीषण गर्मी का असर महसूस किया जा रहा है। लगातार बढ़ते तापमान और जलवायु की बदली परिस्थितियों के कारण स्कूल टाइमिंग्स-School Timings में आवश्यक परिवर्तन किया गया है। स्कूल शिक्षा निदेशालय, कश्मीर द्वारा जारी ताज़ा आदेश के अनुसार, श्रीनगर समेत घाटी के कई हिस्सों में स्कूलों के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव किया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जो बढ़ती गर्मी में पुराने समय के अनुसार स्कूल जाने में असुविधा का सामना कर सकते थे।

कश्मीर में बदला गया स्कूल समय

गर्मी की तीव्रता को ध्यान में रखते हुए, कश्मीर स्कूल शिक्षा निदेशालय ने घोषणा की है कि 26 मई से नया समय लागू होगा। यह समय सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए प्रभावी रहेगा। श्रीनगर शहर की नगरपालिका सीमा के अंतर्गत आने वाले स्कूल अब सुबह 8:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक संचालित होंगे, जबकि नगरपालिका सीमा से बाहर के क्षेत्रों में स्थित स्कूलों का नया समय सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक निर्धारित किया गया है।

इससे पहले श्रीनगर के शहरी स्कूल सुबह 9 बजे खुलते थे और बाहरी क्षेत्रों के स्कूल सुबह 9:30 बजे। लेकिन अब तापमान में तेज़ी से हो रही वृद्धि को देखते हुए इन समयों में आधे घंटे का बदलाव किया गया है। गुरुवार को श्रीनगर में अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से 9 डिग्री अधिक है। यह गर्मी की लहर की स्पष्ट चेतावनी है।

गर्मी से सुरक्षा और छात्रों की भलाई

इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ा कारण छात्रों की भलाई और स्वास्थ्य है। जब दिन के मध्य में तापमान उच्चतम स्तर पर होता है, तब स्कूलों से छुट्टी देने से बच्चों को अत्यधिक गर्मी से बचाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, माता-पिता और स्कूल प्रशासन को समय पर तैयारी करने का अवसर मिलेगा, जिससे बच्चों की दिनचर्या पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

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GyanOK

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