
हाल ही में भारतीय बायोगैस संघ (IBA) ने सरकार से मांग की है कि देश में 50 लाख बायोगैस इकाइयों को फिर से चालू करने के लिए हर परिवार को 10,000 रुपये की सब्सिडी दी जाए. IBA ने बताया है कि अधिकांश जगहों पर पहले से ही बायोगैस प्लांट बने हुए है, इसलिए इन्हे फिर से उपयोग करना आसान होगा। दोबारा से इन प्लाट्स का उपयोग होने से लोगों को साफ-सुथरी ऊर्जा मिलेगी।
बायोगैस की नई योजना में होगा कुल 5,000 करोड़ रुपये का खर्च
भारतीय बायोगैस संघ के चेयरमैन, गौरव केडिया के मुताबित, बायोगैस प्लांट की योजना में लगभग 5,000 करोड़ रुपये का खर्चा आ सकता है, जिसे दो साल के अंदर पूरा किया जा सकता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि हमने सरकार से अनुरोध किया है कि पूरे देश में 50 लाख बायोगैस यूनिट्स लगाने में मदद की जाए. उनका कहना है कि इन यूनिट्स को लगाने के लिए ज़रूरी ढाँचा पहले से ही बना है, ग्रामीण क्षेत्रों में इसे बढ़ावा देने के लिए लोगो को प्रोत्साहित करने की जरुरत है.
सरकार देगी 10,000 रूपये की सब्सिड़ी
भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण परिवारों को शौचालय बनाने के लिए 12,000 रूपये की सब्सिड़ी दी जाती है. इसी तरह छोटे बायोगैस प्लांटों को दोबारा बनाने के लिए एक योजना बनाई जा रही है, जिसमे के प्लांट को सही करने का खर्चा लगभग 10,000 रूपये तक आएगा। इंडियन बायोगैस एसोसिएशन (IBA) ने सरकार से इन बंद पड़े प्लांट्स को दोबारा चालू करने के लिए 10 हजार रूपये एकमुश्त अनुदान देने का प्रस्ताव रखा है.
LPG सिलेंडर पर बचेंगे ₹3,618 करोड़
ग्रामीण बायोगैस प्लांट, उज्ज्वला योजना की तरह काम करेगी। अभी ग्रामीण परिवारों को एक साल में 12 सिलेंडर दिए जा रहे है. अगर देश में 50 लाख बायोगैस प्लांट लग जाते हैं, तो इससे सरकार को हर साल सब्सिडी पर खर्च होने वाले 3,618 करोड़ रुपये बच जायेंगे।