RBI Big Relief: अब सस्ते होंगे लोन, EMI में मिलेगी राहत! बाजार में आएंगे ₹2.5 लाख करोड़, जानें बैठक की 10 सबसे बड़ी बातें

भारतीय रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती कर दी है। इससे होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन हो सकते हैं सस्ते। कैश रिज़र्व रेशियो में बदलाव से बैंकिंग सिस्टम में ₹2.5 लाख करोड़ की नकदी आएगी। जानिए गवर्नर संजय मल्होत्रा के भाषण की 10 बातें

By GyanOK

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को आम जनता को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 0.50% की कटौती की घोषणा की इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा होम लोन, ऑटो लोन और अन्य कर्ज सस्ते होंगे, और EMI का बोझ घटेगा। साथ ही, कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 1% कटौती से बैंकिंग सिस्टम में ₹2.5 लाख करोड़ की अतिरिक्त नकदी आएगी.

RBI Big Relief: अब सस्ते होंगे लोन, EMI में मिलेगी राहत! बाजार में आएंगे ₹2.5 लाख करोड़, जानें बैठक की 10 सबसे बड़ी बातें

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई में हुई मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में देश की अर्थव्यवस्था, महंगाई, जीडीपी और विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर अहम फैसले किए गए। आइए जानते हैं इस पॉलिसी की 10 सबसे बड़ी बातें:

1. रेपो रेट में 0.50% की कटौती

रेपो रेट अब घटकर 6% रह गया है। यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने ब्याज दरों में कटौती की है। इससे बैंक भी अपने लोन रेट घटा सकते हैं।

2. RBI का रुख अब ‘न्यूट्रल’

अब तक RBI की मौद्रिक नीति का रुख ‘उदार’ (Accommodative) था, जिसे अब ‘न्यूट्रल’ किया गया है। इसका मतलब है कि ब्याज दरों में आगे कटौती सीमित हो सकती है।

3. बाजार में ₹2.5 लाख करोड़ नकदी

CRR में 1% की कटौती चार चरणों में होगी, जिससे बैंक ज्यादा लोन दे पाएंगे और बाजार में नकदी बढ़ेगी। इससे आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी।

4. महंगाई दर का अनुमान घटा

RBI ने FY26 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान घटाकर 3.7% किया है। तिमाही अनुमान भी पहले से कम हैं, जिससे जनता को राहत मिल सकती है।

5. GDP ग्रोथ 6.5% पर स्थिर

FY26 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा गया है। RBI को उम्मीद है कि मौद्रिक नीतियों से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा।

6. SDF और MSF रेट में भी कटौती

SDF को घटाकर 5.75% और MSF को 6.25% किया गया है। इससे बैंकों की फंडिंग लागत कम होगी और उधारी आसान होगी।

7. विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत

भारत का फॉरेक्स रिजर्व 691.5 अरब डॉलर है, जो 11 महीने तक के आयात कवर करने में सक्षम है। यह देश की आर्थिक स्थिरता का बड़ा संकेत है।

8. पर्सनल लोन में तनाव घटा, NBFC को चेतावनी

अनसिक्योर्ड लोन से जुड़े खतरे अब कम हो रहे हैं लेकिन माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र अभी भी दबाव में है। RBI ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

9. मानसून रहेगा सामान्य

गवर्नर ने उम्मीद जताई कि मानसून सामान्य रहेगा, जिससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण मांग में उछाल आएगा।

10. भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में

वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत की इकोनॉमी स्थिर बनी हुई है। निवेशकों के लिए भारत अभी भी सबसे आकर्षक बाजारों में से एक है।

RBI के इन फैसलों का असर आम आदमी की जेब से लेकर देश की आर्थिक रफ्तार तक साफ दिखेगा। अगले कुछ महीनों में बैंक भी अपने लोन की ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं, जिससे होम लोन और ऑटो लोन लेने वालों को राहत मिल सकती है।

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