
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक (HCBL Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द किया गया है। यह निर्णय बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति और बैंकिंग नियमों के उल्लंघन के चलते लिया गया। बैंक में न तो पर्याप्त पूंजी थी और न ही कमाई की स्पष्ट संभावना। इसके परिणामस्वरूप, 19 मई, 2025 से यह बैंक अब कोई बैंकिंग कार्य नहीं कर सकेगा।
आरबीआई का एक्शन और बैंक का बंद होना
RBI ने उत्तर प्रदेश के सहकारिता आयुक्त और रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वे HCBL बैंक को बंद करने की प्रक्रिया शुरू करें और एक लिक्विडेटर की नियुक्ति करें। जैसे ही बैंकिंग कार्य बंद होंगे, जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि की सुरक्षा के लिए DICGC (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) के तहत बीमा कवर मिलेगा। इसमें हर जमाकर्ता को 5 लाख रुपये तक की राशि की गारंटी है।
आरबीआई के मुताबिक, HCBL बैंक के लगभग 98.69% जमाकर्ता अपनी पूरी जमा राशि प्राप्त कर सकेंगे। DICGC पहले ही 31 जनवरी, 2025 तक 21.24 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है।
बैंकिंग विनियमन अधिनियम का उल्लंघन
एचसीबीएल बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कई महत्वपूर्ण प्रावधानों का पालन नहीं किया। इसके चलते बैंक की वित्तीय स्थिति इतनी कमजोर हो गई कि वह अपने जमाकर्ताओं को भुगतान करने की स्थिति में नहीं रहा। RBI ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर बैंक को आगे काम करने की अनुमति दी जाती, तो यह आम जनता के हित में नुकसानदेह होता।
सिर्फ HCBL नहीं, और भी कई बैंकों पर गिरी गाज
HCBL अकेला बैंक नहीं है जिसका हालिया समय में लाइसेंस रद्द किया गया है। इससे एक महीने पहले, 16 अप्रैल 2025 को, कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक (Colour Merchants Co-op Bank), अहमदाबाद का लाइसेंस भी RBI ने इसी कारण रद्द किया था—अपर्याप्त पूंजी और कम कमाई की संभावना।
2024 में भी बंद हुए कई बैंक
2024 में RBI ने कई को-ऑपरेटिव बैंकों पर कार्रवाई की थी। 12 नवंबर 2024 को विजयवाड़ा स्थित दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक (Durga Co-operative Urban Bank) का लाइसेंस भी इसी वजह से रद्द किया गया था। इसके पहले, 4 जुलाई 2024 को बनारस मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक (Banaras Mercantile Co-operative Bank) को भी RBI ने बंद कर दिया था। इन सभी मामलों में एक समान कारण सामने आया—पूंजी की कमी और वित्तीय रूप से व्यवहार्य न होना।