
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कर्नाटक के Karwar Urban Cooperative Bank का लाइसेंस रद्द कर दिया है, इस फैसले ने कर्नाटक के हजारों खाताधारकों को चिंता में डाल दिया है। यह फैसला 23 जुलाई, 2025 को लिया है, आरबीआई ने अपने आदेश में कहा है की अब से यह बैंक किसी तरह का बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकेगा। तो चलिए जानते हैं आरबीआई द्वारा इस बैंक पर ताला लगाने का कारण और इससे जुडी पूरी जानकारी।
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क्यों किया आरबीआई ने लाइसेंस रद्द
आरबीआई के मुताबिक Karwar Urban Cooperative Bank, बैंक की स्थिति बेहद ही खराब हो गई थी और उसके पास आगे कारोबार चलाने की कोई व्यवहारिक संभावना नहीं बची थी, जिसके कारण बैंक का लाइसेंस रद्द किए गया है। हालाँकि आरबीआई ने यह भी सुनिश्चित किया गई की बैंक के लगभग 92.9% खाताधारकों को उनकी जमा राशि पूरी मिल जाएगी। लेकिन यह राहत केवल उन्ही खाताधारकों के लिए है जिनकी कुल राशि 5 लाख रूपये या उससे कम है।
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ग्राहकों को लौटाया जाएगा पूरा पैसा
ऐसे सभी खाताधारकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस एन्ड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के तहत पूरा पैसा लौटाया जाएगा, वहीं अब तक करीब 37.79 करोड़ रूपये की राशि खाताधारकों को लौटाई जा चुकी है। आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है की ग्राहकों के भविष्य और नुक्सान न हो इसके लिए कर्नाटक के रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटी को निर्देश दिया गया है की बैंक को तुरंत बंद करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाए और एक लिक्विडेटर नियुक्त किया जाए।
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क्या करें खाताधारक
करवर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में जिन भी लोगों का खाता है उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। आरबीआई और DICGC की और से क्लेम प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। ऐसे में बैंक के ग्राहक DICGC की ऑफिशियल वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड कर अपना दावा पेश कर सकते हैं।