
Property Registry Rules: प्रॉपर्टी खरीदने के बाद जरुरी काम रजिस्ट्री करवाना अनिवार्य होता है। और हम सोचते हैं कि जब रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो उसके बाद उस व्यक्ति को संपत्ति का मालिकाना हक प्राप्त होता है। लेकिन आपको बता दें यह एक गलत सोच है क्योंकि केवल रजिस्ट्री ही कराने से ही सम्पति आपके नाम नहीं होती है। आपको एक और महत्वपूर्ण काम करना होता है वरना आप अपनी प्रॉपर्टी को हाथ से धो बैठेंगे।
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रजिस्ट्री के बाद जरुरी है ये काम!
भविष्य में यदि आप घर, दुकान अथवा प्लॉट को खरीद रहें हैं तो सबसे पहले आपको इसकी रजिस्ट्री करनी होती है। इसके बाद आपको निश्चिंत होकर नहीं बैठना है कि जमीन का मालिकाना हक आपको मिल गया है। आपको रजिस्ट्री पक्रिया के दो तीन महीने बाद म्यूटेशन जिसे की दाखिल ख़ारिज कहते हैं की प्रक्रिया करानी बेहद जरुरी होती है। अगर आप ये आवश्यक काम नहीं करते हैं तो आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है जिससे आप कानूनी प्रक्रिया में फस सकते हैं। तो इसलिए जरुरी है की सम्पति खरीदते समय हर जानकारी को अच्छे से जान लें।
प्रॉपर्टी में होते फ्रॉड
आज के समय में आपने ऑनलाइन फ्रॉड तो बहुत सुने होंगे हर काम में अपराधी फ्रॉड कर लेते हैं और लोगों का बेवकूफ बना कर चले जाते हैं। इसी प्रकार आजकल प्रॉपर्टी के दाखिल ख़ारिज न करवाने पर बहुत सारे फ्रॉड हो रहें हैं। कई बिल्डर एक ही प्रॉपर्टी दो व्यक्तियों को बेचते हैं ये घटना फ्रॉड में शामिल है। यह फ्रॉड अक्सर जमीन खरीदने करने के बाद दाखिल ख़ारिज न करने वाले के साथ अधिकतर देखने को मिलता है। जब तक दाखिल ख़ारिज नहीं होगा खतौनी में खरीदने वाले वाला का नाम नहीं दर्ज होगा और पुराने वाले मालिक का नाम ही दर्ज रहत है । ऐसे में संपत्ति मालिक इस बात का फायदा उठा लेता है और जमीन किसी दूसरे व्यक्ति को उतने ही रूपए में बेच देता है।
फर्जीवाड़े से बचने के क्या हैं तरीके?
जब भी आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो आपको नीचे दी हुई महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान रखना है।
- आपको सबसे पहले खरीदी जाने वाली जमीन की खाता खतौनी चेक करनी है। आप ऑनलाइन बिल्डर दी गई सम्पति की गाटा संख्या से खतौनी जाँच कर सकते हैं। इससे आप सम्पति के मालिक की सम्पूर्ण जानकारी जान सकते हैं।
- आपको सबसे पहले रजिस्ट्री ऑफिस जाना है और जमीन की जानकारी लेनी है कहीं ये पहले से रजिस्ट्री तो नहीं है। उसके बाद ही जमीन की रजिस्ट्री करें।
- जब आप रजिस्ट्री कर लेते हैं तो आपको तो से तीन माह के भीतर प्रॉपर्टी का दाखिल करवा लेना है। इस प्रक्रिया में खरीदने वाले व्यक्ति का नाम खतौनी में आ जाता है।