
जब भी कोई व्यक्ति घर, दुकान और जमीन खरीदता है तो वह उसकी रजिस्ट्री करवा लेते है। उसके बाद वह सोचते है कि वे उस प्रॉपर्टी के मालिक बन गए है, लेकिन ऐसा नहीं होता है. सिर्फ प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवा लेने से आप उसके मालिक नहीं हो जाओगे। इसके लिए कुछ और कानूनी प्रक्रियाएं भी पूरी करनी पड़ती हैं। सबसे पहले हमे यह समझना होगा कि मालिकाना हक़ के लिए रजिस्ट्री एक कदम है, उसके बाद भी कई दस्तावेज़ और प्रक्रियाएं आवश्यक होती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बताया
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि ने भारत में प्रॉपर्टी के मालिकाना हक को लेकर हमारी सोच बदल दी है. अब सिर्फ कागजों पर आपका नाम दर्ज होना या प्रॉपर्टी का आपके नाम पर रजिस्टर होना ही यह साबित नहीं करता कि आप उसके असली मालिक हैं.
मालिकाना हक़ के लिए ये दस्तावेज जरूर लें
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले ध्यान दें कि मालिकाना हक़ साबित करने के लिए आपको कुछ जरुरी डॉक्यूमेंटंस की आवश्यकता होती है. सबसे पहले आपके पास सेल डीड की पूरी चेन होनी चाहिए, इसमें प्रॉपर्टी के सभी पुराने मालिकों से लेकर अब तक के हर सौदे के कागज़ात शामिल होते है. साथ ही सरकारी रिकॉर्ड में आपका नाम दर्ज होना चाहिए, जिसे दाखिल-खारिज भी कहते हैं. इन सब के अलावा, बिजली-पानी के बिल और टैक्स की रसीदें भी आपके मालिकाना हक का सबूत होते हैं.
फ्लैट बेचने के लिए चाहिए होगा ये दस्तावेज
अगर आप अपना फ्लैट बेचना चाहते हैं, तो बैंक को एक टाइटल डीड (संपत्ति के मालिकाना हक का दस्तावेज़) चाहिए होता है. इसी प्रकार यदि आप जमीन पर कुछ बनवाना चाहते है तो नगरपालिका से मंज़ूरी के लिए दाखिल-खारिज होना जरुरी है.