
भारत में प्रोपर्टी गिफ्ट करने के लिए कुछ खास नियम बनाए गए हैं, जिन्हें फॉलो करना जरूरी है. कई लोग जन्मदिन, शादी, सालगिरह जैसे अवसर पर एक -दूसरे को गिफ्ट देते हैं. इन गिफ्टों में घड़ी, कपड़े, बाइक के साथ -साथ प्रोपर्टी भी होती है. लेकिन क्या आप जानते है कि किसी को प्रोपर्टी गिफ्ट करने के लिए कुछ नियम होते है. इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है, नहीं तो आपका गिफ्ट वैध माना जायेगा.
प्रोपर्टी गिफ्ट करने के नियम
कोई व्यक्ति सिर्फ वहीं प्रोपर्टी गिफ्ट में दे सकता है जिसका मालिक के तौर पर आपका नाम रजिस्टर्ड हो. इसका मतलब है कि जब आप उस संपति के असली मालिक है, तो तभी आप उसे गिफ्ट में दे सकते हैं. भारत में प्रॉपर्टी गिफ्ट करने के लिए ‘ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट’ बनाया गया है. सेक्शन 122 के अनुसार, प्रोपर्टी गिफ्ट करने का अर्थ है कि आप अपनी प्रोपर्टी का कानूनी मालिक किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर कर रहे है और उसके बदले में कोई पैसा नहीं ले रहे हैं.
गिफ्ट डीड है जरूरी
जब हम अपनी प्रोपर्टी किसी को गिफ्ट करते हैं, तो इसके लिए ‘गिफ्ट डीड’ बनानी होती है. ठीक वैसे ही जैसे हम बिक्री का दस्तावेज बनवाते हैं. इस गिफ्ट डीड को सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर करवाना ज़रूरी होता है. रजिस्ट्रेशन के समय सब-रजिस्ट्रार यह तय करता है कि आपने ज़रूरी स्टांप ड्यूटी चुका दी है या नहीं.
हालांकि गिफ्ट डीड तब तक पूरी नहीं मानी जाती जब तक स्टांप ड्यूटी का भुगतान नहीं हो जाता है. एक बार जब गिफ्ट दी जाने वाली प्रोपर्टी का गिफ्ट डीड में प्राप्त करने वाले व्यक्ति का नाम दर्ज हो जाता है और वह उसे स्वीकार कर लेता है, तो तब वह गिफ्ट डीड मानी जाती है. जिसका मतलब है कि संपति गिफ्ट में दी जा चुकी है.