
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है जिसके तहत अब जीएसटी में दो ही स्लैब रहेंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी से जुड़े सुधार की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने यह बदलाव जनता को बढ़ती महंगाई से राहत प्रदान करने के लिए किया है। रोजमर्रा और आवश्यक सामान पर जीएसटी को 5% या 18% ही लगाया जाएगा। वही वित्त मंत्री से जवाब पूछा गया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में रखा जाएगा, इस पर उन्होंने अपना जवाब दिया है आइए उसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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बढ़ती महंगाई होगी कम
सरकार ने यह फैसला बढ़ी महंगाई को कम करने के लिए लिया है। रोजमर्रा सामान पर लगने वाले टैक्स को कम कर दिया गया है जिससे लोग अधिक मात्रा में सामान खरीद पाएंगे। यह बदलाव आम नागरिकों को महंगाई में राहत पाने के लिए किया गया है।
पेट्रोल और डीजल पर क्या लिया गया निर्णय?
वित्त मंत्री ने 5 सितंबर 2025 को एक कार्यक्रम में बताया कि सरकार द्वारा किए गए बदलाव से 300 से अधिक सामान और सेवाओं की टैक्स दरें कम कर दी गई है अब इनको सस्ती कीमत पर ख़रीदा जा सकता है। वित्त मंत्री से एक और सवाल पूछा गया कि पेट्रोल और डीजल को क्या जीएसटी के दायरे में रखा जाएगा। इस पर वित्त मंत्री जवाब देती है यदि राज्य इस बात के लिए अनुमति दे देते हैं तभी जीएसटी के अंदर रखा जाएगा क्योंकि जीएसटी कानून में यह एक प्रावधान होता है।
देश के अलग अलग राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर अलग अलग टैक्स लगाया जाता है। अगर ये जीएसटी में शामिल हो जाते हैं तो फिर राज्य का टैक्स लगाने का नियंत्रण खत्म हो सकता है।
अभी के समय में पेट्रोल-डीजल में 50% से अधिक का टैक्स लगता है लेकिन अगर यह जीएसटी के दायरे में आता है ऊँचे स्लेब 40% में रखने पर इसकी कीमतें काफी कम हो जाएंगी।
