
भारत में विकास की योजना बनाने और नीतियां तय करने का तरीका समय के साथ बदला है। पहले यह काम Planning Commission (योजना आयोग) करता था, लेकिन अब इसकी जगह NITI Aayog (नेशनल इंस्टिट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) ने ले ली है।
NITI Aayog की शुरुआत 1 जनवरी 2015 को भारत सरकार ने की थी, जबकि Planning Commission की स्थापना 15 मार्च 1950 को हुई थी और इसे 17 अगस्त 2014 को खत्म कर दिया गया। Planning Commission मुख्य रूप से Five-Year Plans यानी पंचवर्षीय योजनाएं बनाता था, लेकिन NITI Aayog एक आधुनिक सोच वाला संस्थान है, जो “7 साल की रणनीति”, “15 साल का रोडमैप” जैसी लंबी अवधि की योजनाएं तैयार करता है।
NITI Aayog और Planning Commission में आसान भाषा में अंतर
1. अधिकारों में अंतर:
Planning Commission के पास राज्यों को योजना मानने और लागू करने के लिए मजबूर करने का अधिकार था। NITI Aayog ऐसा नहीं करता। यह केवल सुझाव देता है, बाध्य नहीं करता।
2. पैसे का वितरण (Fund Allocation):
Planning Commission राज्यों और केंद्र सरकार को योजनाओं के लिए पैसा देता था। लेकिन अब NITI Aayog के पास यह अधिकार नहीं है। अब यह काम Finance Ministry करती है।
3. राज्यों की भूमिका:
NITI Aayog राज्यों को नीति बनाने में शुरू से शामिल करता है। राज्यों की राय लेकर ही नीति बनाई जाती है। जबकि पहले Planning Commission नीति बनाता था और बाद में राज्यों से चर्चा करता था।
4. संगठन का ढांचा (Structure):
NITI Aayog में CEO (मुख्य कार्यकारी अधिकारी), उपाध्यक्ष (Vice Chairperson), कैबिनेट मंत्री (ex-officio members), और कुछ फुल-टाइम व पार्ट-टाइम सदस्य होते हैं। Planning Commission में केवल फुल-टाइम सदस्य, एक सदस्य सचिव और उपाध्यक्ष होते थे।
5. नियुक्ति का तरीका:
NITI Aayog का CEO प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाता है। जबकि Planning Commission में अधिकारी सामान्य सरकारी प्रक्रिया से नियुक्त होते थे।
6. कानूनी स्थिति (Legal Status):
दोनों संस्थाएं संविधान में दर्ज नहीं हैं यानी ये Executive Bodies हैं। पर जरूरत पड़ने पर NITI Aayog को कानून बनाकर Statutory Body में बदला जा सकता है, जैसे UIDAI को बनाया गया।
NITI Aayog क्यों खास है?
NITI Aayog का मकसद है कि देश में नीति बनाते समय हर राज्य की अलग जरूरत को ध्यान में रखा जाए। इससे राज्यों को अपने विकास मॉडल पर ज्यादा नियंत्रण मिलता है और केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने का मौका मिलता है।
यह संस्था केवल एक “think-tank” यानी सोचने और सुझाव देने वाली इकाई है, जो योजनाएं नहीं थोपती बल्कि सलाह देती है कि कैसे देश को बेहतर दिशा में ले जाया जा सकता है। यह सहकारी संघवाद यानी Cooperative Federalism को बढ़ावा देता है, जिसमें केंद्र और राज्य एक साथ मिलकर काम करते हैं।
NITI Aayog क्या करता है?
- देश की दीर्घकालिक (long-term) नीतियों की योजना बनाना
- राज्यों को उनकी जरूरतों के अनुसार सलाह देना
- वैज्ञानिक, तकनीकी और आर्थिक सलाह देना
- नीति लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर रिसर्च करना
- योजनाओं के असर की निगरानी करना