
दक्षिण-पश्चिम मानसून के आते ही देश के कई इलाकों में मौसम खराब हो गया है। मिज़ोरम और कर्नाटक के तटीय इलाकों में लगातार तेज़ बारिश से लोगों की ज़िंदगी पर बुरा असर पड़ा है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से उत्तर-पूर्वी भारत में भी बहुत बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में मिज़ोरम और उसके आसपास के राज्यों में भारी बारिश जारी रहेगी।
पूर्वोत्तर भारत में बादल फाड़ बारिश और भूस्खलन का कहर
मिज़ोरम में बुधवार से लगातार हो रही तेज बारिश के कारण राज्य के प्रमुख ज़िलों में लैंडस्लाइड की घटनाएं दर्ज की गई हैं। राज्य की राजधानी आइजोल समेत लॉन्गतलाई, सेरछिप और कोलासिब जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लॉन्गतलाई में सबसे अधिक 112.50 mm वर्षा दर्ज की गई, वहीं आइज़ोल में 63.60 mm वर्षा रिकॉर्ड की गई।
लगातार दूसरे दिन भी आइज़ोल ज़िले के सभी स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अनुसार, आइज़ोल ज़िले के मौचर गांव में एक असम-टाइप इमारत भूस्खलन की चपेट में आकर बह गई। राहत की बात यह है कि अब तक किसी बड़ी जनहानि की सूचना नहीं है।
कोस्टल कर्नाटक में बारिश से तबाही, मासूम की मौत
कर्नाटक के कोस्टल क्षेत्रों में भी मानसून की बारिश भारी तबाही लेकर आई है। उल्लाल तालुक के मोंटेपडावु क्षेत्र में गुरुवार को पहाड़ी ढहने से पांच लोग मलबे में दब गए। वहीं मंगलुरु के डेरलकट्टे इलाके में शुक्रवार सुबह हुई एक दुर्घटना में कंपाउंड वॉल गिरने से छह साल की बच्ची फातिमा नईम की दर्दनाक मौत हो गई। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण संवेदनशील इलाकों में चेतावनी जारी की गई है। बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन भारी बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है।
IMD की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने स्पष्ट किया है कि 29 मई से 1 जून के बीच मिज़ोरम और आस-पास के क्षेत्रों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया है।