
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा CGHS नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं और केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना का लाभ लेते हैं तो यहाँ खबर आपको अवश्य पढ़नी चाहिए। सभी केंद्रीय कर्मचारियों को नए नियम के तहत हॉस्पिटल की कई परेशानियों से छुटकारा मिलने वाला है। आइए इस पूरी जानकारी को आगे लेख में जानते हैं।
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कर्मचारी को आईपीडी रेफरल मामलों में मिलेगी छूट!
CGHS कर्मचारियों को पहले के नियम के तहत अस्पताल में कई परेशानी होती थी। पहले जब भी कोई पेशेंट एडमिट होता था तो उसे रोजाना जियो-टैग को फोटो पोर्टल पर अपलोड करनी होती थी। लेकिन सरकार ने इस समस्या का समाधान निकाल दिया है।
नए नियम के तहत IPD रेफरल मामलों में मरीज को अब से जियो टैग्स फोटो अपलोड नहीं करना पड़ेगा। हालाँकि आपके पास वैलिड रेफरल का होना चाहिए जिसे आपको NHA पोर्टल पर अपलोड कर लेना है।
नॉन-रेफरल एवं ओपीडी मामलों के क्या है नियम?
नए नियम जारी होने के बाद रेफरल मामले एवं नॉन-रेफरल एवं ओपीडी मामलों में कुछ चेंज किया जाएगा। यानी की नियम इनमे भी लागू होते हैं।
नॉन-रेफरल IPD मामले- नए नियम के तहत यदि आप अस्पताल में भर्ती होते हैं अथवा आपकी वहां से छुट्टी होती है तो उस टाइम दो जियो टैग्ड फोटो क्लिक करनी होगी। यदि 7 दिन से अधिक मरिक अस्पताल में एडमिट है तो सातवें दिन उसे एक फोटो अपलोड करना है। फोटो को आपको सिर्फ आईसीयू/वार्ड में लेना है। इसके लिए आपको पहले CGHS कार्ड दिखाना होगा।
ओपीडी मामले में- ओपीडी मामले में यदि आपके पास डॉक्टर का रेफरल है तो आपको कोई भी फोटो नहीं दिखानी होगी। लेकिन रेफरल नहीं है और मरीज की उम्र 70 साल से अधिक है तो उसे बिस्तर पर फोटो लेनी होगी। फोटो आपको मोबाइल अथवा टैबलेट से लेना है। फोटो का साइज 1 MB से कम का होना है। CGHS पोर्टल पर आपको यह फोटो 24 घंटे के भीतर अपलोड कर लेनी है।