
भारत में आम की हजारों किस्में मौजूद हैं, लेकिन जब बात स्वादिष्ट, तीखे और लंबे समय तक टिकाऊ आम के अचार की होती है, तो कुछ चुनिंदा वैरायटीज़ ही सबसे ज़्यादा पसंद की जाती हैं। खासकर जब आप गर्मियों के मौसम में सालभर के लिए अचार तैयार करने की योजना बनाते हैं, तो आम का सही चुनाव बेहद जरूरी हो जाता है। इस मामले में मशहूर शेफ पंकज भदौरिया की राय काफी मददगार साबित होती है। उनके अनुसार तोतापुरी, रामकेला और राजापुरी आम अचार के लिए सबसे उपयुक्त किस्में हैं। ये वैरायटीज़ स्वाद, बनावट और टिकाऊपन के मामले में दूसरी किस्मों से कहीं बेहतर मानी जाती हैं।
तोतापुरी आम की खासियत

तोतापुरी आम की सबसे खास बात है इसका मोटा और रेशे रहित गूदा। जब अचार बनाया जाता है, तो इसके टुकड़े मसाले और तेल को बहुत अच्छी तरह सोख लेते हैं, जिससे अचार का स्वाद गहरा और तीखा हो जाता है। साथ ही, इस किस्म का खट्टापन अचार में एक संतुलित तीखापन पैदा करता है जो लंबे समय तक इसके स्वाद और गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करता है। कच्चा तोतापुरी आम काफी सख्त होता है, जिससे यह आसानी से काटा जा सकता है और अचार में डालने के बाद भी जल्दी गलता नहीं है।
रामकेला आम की खासियत

रामकेला आम का गूदा भी तोतापुरी की तरह रेशे रहित और सख्त होता है, जो अचार में इसके टुकड़ों को मजबूती से बनाए रखने में मदद करता है। यह किस्म अपने तेज खट्टेपन के लिए मशहूर है, जो अचार में तीखेपन के साथ स्वाद का संतुलन बनाए रखता है। रामकेला आम की यही खटास अचार को जल्दी खराब होने से बचाती है और इसे लंबे समय तक ताजा बनाए रखती है। जब आप इस आम से अचार बनाते हैं, तो इसका हर टुकड़ा मसालों से लबालब भर जाता है।
राजापुरी आम की खासियत

राजापुरी आम आमतौर पर आकार में बड़ा होता है और इसका गूदा काफी मोटा होता है, जो लगभग रेशे रहित होता है। इसकी खासियत है कि यह कच्चा होने पर काफी खट्टा और कसैला होता है, जो पारंपरिक अचार के स्वाद के लिए आदर्श माना जाता है। इसका छिलका मोटा होता है, जिससे अचार के टुकड़े मसालों में डाले जाने के बाद भी अपनी बनावट को बनाए रखते हैं। इसका पूरा स्ट्रक्चर मसालों और तेल को पकड़ने में बेहद असरदार साबित होता है, जिससे हर बाइट में मसालेदार स्वाद का भरपूर एहसास होता है।
कुछ जरूरी बातें जो आम खरीदते वक्त जरूर ध्यान में रखें
जब अचार बनाने के लिए कच्चा आम खरीदने जाएं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि वह आम मीठी खुशबू वाला न हो। ऐसा आम अचार के लिए उपयुक्त नहीं होता। सूंघकर यह परखना जरूरी होता है कि उसमें खट्टापन है या नहीं। अगर वैरायटी पहचान में नहीं आ रही है, तो आम के छिलके को देखें – मोटा छिलका खट्टे आम की निशानी होता है। हमेशा गहरे हरे रंग और सख्त बनावट वाले आम को चुनें और यह जरूर देखें कि आम में कहीं से कटाव या कीड़े न हों।