
लंबी खांसी-Chronic Cough एक ऐसी समस्या है जो टीबी-Tuberculosis न होने के बावजूद भी कई लोगों को परेशान करती है। जब खांसी आठ सप्ताह से ज्यादा समय तक बनी रहती है, तो इसे चिकित्सा की नजर से गंभीर माना जाता है। कई बार हम लंबे समय तक खांसी को सर्दी-खांसी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि इसके पीछे गंभीर कारण छिपे हो सकते हैं। खांसी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन जब यह लंबी अवधि तक बनी रहे, तो यह शरीर के अंदर किसी गहरे स्वास्थ्य मुद्दे का संकेत हो सकती है। यह लेख आपको लंबी खांसी के उन महत्वपूर्ण कारणों से अवगत कराएगा, जो अक्सर छूट जाते हैं और जिनसे बचाव के लिए सही जानकारी बेहद जरूरी है।
यह भी देखें: हाई BP वालों के लिए खतरा! इन 5 चीजों को अभी छोड़ें, नहीं तो बढ़ेगा जोखिम
लंबी खांसी के आम और छुपे हुए कारण
लंबी खांसी के मामले में सबसे सामान्य और खतरे के स्तर पर कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहला और प्रमुख कारण अस्थमा-Asthma होता है, जिसमें फेफड़ों की नलिकाएं सूजन के कारण संकुचित हो जाती हैं और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। अस्थमा की वजह से खांसी होती है जो अक्सर ठंडी हवा या धूल के संपर्क में आने से बढ़ जाती है। दूसरी वजह पोस्टनेजल ड्रिप-Postnasal Drip हो सकती है, जो नाक या साइनस की समस्या के कारण होती है। जब नाक से बलगम गले की तरफ गिरता है, तो गले में जलन होने लगती है, जिससे खांसी शुरू हो जाती है। यह स्थिति एलर्जी-Allergy या साइनस की सूजन से भी होती है।
तीसरा और एक महत्त्वपूर्ण कारण है गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज-GERD, जिसमें पेट का अम्ल अन्ननली की तरफ वापस आ जाता है। इससे गले में जलन होती है, जो अक्सर रात के समय या सोते समय खांसी का कारण बनती है। इसके अलावा, कई बार एलर्जी के कारण भी लंबे समय तक खांसी बनी रहती है। जैसे कि धूल, पराग, पालतू जानवरों की रूसी आदि। कुछ दवाइयां, खासकर एंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) इनहिबिटर्स जो हाई ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारियों के लिए ली जाती हैं, वे भी खांसी को बढ़ा सकती हैं।
धूम्रपान करने वालों में क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज-COPD का खतरा होता है, जिसमें फेफड़ों की सूजन और वायुमार्ग का अवरोध होता है। इसके कारण खांसी के साथ बलगम आता है और सांस लेने में दिक्कत होती है। इसके अलावा, फेफड़ों के गंभीर संक्रमण जैसे निमोनिया या नॉन-ट्यूबरकुलोसिस मायकोबैक्टीरिया भी लंबे समय तक खांसी की समस्या पैदा कर सकते हैं। कभी-कभी यह खांसी हैबिट कफ-Habit Cough के रूप में भी देखने को मिलती है, जिसमें कोई शारीरिक कारण न होकर मानसिक या व्यवहारिक कारण होते हैं।
यह भी देखें: चिलचिलाती गर्मी में पिएं ठंडा-ठंडा फालूदा, वो भी घर पर मिनटों में तैयार!
लंबी खांसी कब हो गंभीर चिंता का विषय?
लंबी खांसी को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यदि आपकी खांसी आठ सप्ताह से ज्यादा समय तक बनी रहे, और साथ ही खांसी के साथ बलगम या खून आना, सांस लेने में दिक्कत, गले में लगातार खराश, बुखार या वजन घटना जैसी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सही निदान के लिए डॉक्टर फेफड़ों की जांच, एक्स-रे और अन्य जरूरी परीक्षण कर सकते हैं।
लंबी खांसी का सही उपचार
लंबी खांसी के उपचार का तरीका उसके कारण पर निर्भर करता है। अगर अस्थमा है तो स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। एलर्जी की स्थिति में एंटीहिस्टामाइन या एलर्जी के लिए दवाएं दी जाती हैं। GERD में जीवनशैली में बदलाव के साथ एंटीएसिड दवाएं जरूरी होती हैं। कई बार दवाइयों का विकल्प बदलना भी खांसी को कम कर सकता है। साथ ही, धूम्रपान छोड़ना और प्रदूषण से बचाव भी बेहद जरूरी है। घरेलू उपचार जैसे भाप लेना, शहद का सेवन और गुनगुने पानी से गरारे करना खांसी में राहत देने में मददगार होते हैं।
स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें
इसलिए, लंबी खांसी को हल्के में न लें। इसे सही समय पर पहचानना और चिकित्सीय सलाह लेकर उचित उपचार शुरू करना आपकी सेहत के लिए जरूरी है। यह न केवल आपकी जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा, बल्कि किसी गंभीर बीमारी को बढ़ने से भी रोक सकेगा। हमेशा याद रखें कि सही जानकारी और समय पर इलाज से लंबी खांसी जैसी समस्या को काबू किया जा सकता है।
यह भी देखें: चुकंदर फेस पैक से पाएं फिर से चमकता हुआ, ग्लोइंग फेस – मिनटों में देखें चमत्कार!