
दिल्ली सरकार अब वृद्धावस्था पेंशन पाने वालों के लिए हर साल लाइफ सर्टिफिकेट यानी ‘जिंदा होने का प्रमाण पत्र’ देना अनिवार्य करने जा रही है। अब तक यह प्रक्रिया वैकल्पिक थी, जिससे कई फर्जी लाभार्थी पेंशन का लाभ उठाते रहे। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि पेंशन केवल जीवित और योग्य लाभार्थियों को ही मिले। Lifecertificate को डिजिटली भी जमा किया जा सकेगा, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को सहूलियत मिलेगी।
कई फर्जी लाभार्थी निकले
सरकार ने फिजिकल वेरिफिकेशन (Physical Verification) को भी अनिवार्य कर दिया है। इसका मतलब है कि सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी घर-घर जाकर यह जांच करेंगे कि लाभार्थी वास्तव में अपने बताए गए पते पर रह रहे हैं या नहीं। इस जांच में यह भी देखा जाएगा कि लाभार्थी की आर्थिक स्थिति योजना की पात्रता के अनुरूप है या नहीं। यह सत्यापन विशेष रूप से उन मामलों में अहम होगा जहाँ शिकायतें मिली हैं कि समृद्ध क्षेत्रों में रहने वाले भी पेंशन का लाभ उठा रहे हैं।
महंगी कॉलोनियों में रहने वालों को योजना से हटाया जाएगा
बीते वर्षों में सामने आया है कि दिल्ली की महंगी कॉलोनियों और कोठियों में रहने वाले कई लोग वृद्धावस्था, महिला, विधवा और दिव्यांग पेंशन का अनुचित लाभ ले रहे हैं। यह सुविधा उन गरीब और असहाय लोगों के लिए बनी थी, जिनके पास आय के सीमित स्रोत हैं। सरकार अब इस मामले में सख्त कार्रवाई करने जा रही है। फिजिकल वेरिफिकेशन के आधार पर ऐसे सभी अमीर लाभार्थियों को योजना से बाहर किया जाएगा, जो अपात्र हैं।
बजट में पेंशन वृद्धि और उसका वित्तीय भार
दिल्ली सरकार ने बजट में वृद्धावस्था पेंशन सहित अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में प्रति लाभार्थी ₹500 की बढ़ोतरी की है। इससे सरकार पर सालाना ₹500 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा। वर्तमान में दिल्ली में चार लाख वृद्ध और 1.35 लाख दिव्यांगजन पेंशन लाभार्थी हैं। इस बढ़े हुए खर्च को जायज़ ठहराने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए सरकार अब यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पेंशन योजना केवल उन्हीं को मिले, जो इसके वास्तविक हकदार हैं।
पूर्व में की गई जांचों पर उठ रहे सवाल
पहले भी इस तरह की शिकायतें मिली थीं कि संपन्न लोग पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। सरकार ने जांच भी कराई थी, लेकिन उसके प्रभावी परिणाम नहीं निकले। अब सवाल उठने लगे हैं कि पिछली जांचें कितनी ईमानदारी से हुई थीं और क्या उसमें जिम्मेदार लोग दोषियों को पकड़ने में सफल हुए थे? यह नई व्यवस्था इन खामियों को दूर करने का प्रयास है, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और भाजपा की स्थिति
दिल्ली में विपक्षी भाजपा ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई है। भाजपा नेताओं ने स्पष्ट किया है कि अगर पार्टी दिल्ली की सत्ता में आती है तो वे इस प्रकार की फर्जीवाड़े को तीन महीने के भीतर समाप्त कर देंगे। उनका कहना है कि पेंशन जैसी योजनाएं गरीबों के लिए बनी हैं, इसलिए अमीरों द्वारा इनका दुरुपयोग किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर लागू होंगे नए नियम
यह सख्ती केवल वृद्धावस्था पेंशन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिला पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन जैसे अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर भी लागू होगी। सभी लाभार्थियों के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन और लाइफ सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा। इस व्यापक कवरेज का मकसद है कि कोई भी फर्जी या अपात्र व्यक्ति किसी भी योजना का अनुचित लाभ न उठा सके।
प्रश्न: लाइफ सर्टिफिकेट क्या है और इसे कहां से बनवा सकते हैं?
उत्तर: लाइफ सर्टिफिकेट वह दस्तावेज होता है जो यह प्रमाणित करता है कि पेंशनधारी जीवित है। इसे बैंक, डाकघर या Jeevan Pramaan Portal के माध्यम से डिजिटल रूप से बनवाया जा सकता है।
प्रश्न: फिजिकल वेरिफिकेशन में क्या जांचा जाएगा?
उत्तर: अधिकारी यह जांचेंगे कि लाभार्थी वास्तव में उस पते पर रह रहे हैं जो उन्होंने पेंशन आवेदन में दिया था, और वे योजना की पात्रता के मानकों पर खरे उतरते हैं या नहीं।
प्रश्न: अगर कोई लाभार्थी लाइफ सर्टिफिकेट नहीं दे पाए तो क्या होगा?
उत्तर: यदि कोई लाभार्थी समय पर लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं करता, तो उसकी पेंशन अस्थायी रूप से रोकी जा सकती है जब तक कि वह प्रमाणपत्र जमा न कर दे।