शहरी इलाकों में विशेष रूप से मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े महानगरों में मकान मालिक अक्सर अपने घरों को किराए पर दे देते हैं, ताकि उन्हें किराये का फायदा भी मिल सके और घर की देखभाल भी होती रहे. हालांकि, कई बार मकान मालिक यह नहीं जानते कि लंबे समय तक एक ही किरायेदार को रहने देने से उनकी संपत्ति पर कब्जा होने का खतरा भी बढ़ सकता है.

क्या किरायेदार संपत्ति पर दावा कर सकता है?
भारतीय कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति लगातार 12 साल तक बिना किसी आपत्ति के किसी घर में रह रहा है और मकान मालिक ने इस दौरान उस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की, तो वह किरायेदार उस घर पर अपना दावा कर सकता है.
इसे ‘प्रतिकूल कब्ज़ा अधिनियम’ (Adverse Possession Act) कहा जाता है. इसके तहत किरायेदार को बिजली बिल, पानी बिल और संपत्ति कर जैसे दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं, ताकि वह साबित कर सके कि उसने लंबे समय तक संपत्ति का उपयोग किया है. यदि मकान मालिक इस दौरान कोई कानूनी कदम नहीं उठाया, तो वह संपत्ति किरायेदार के कब्जे में जा सकती है.
मकान मालिकों को कैसे बचना चाहिए?
- कानूनी रूप से किरायेदारी समझौता पंजीकरण
हर किरायेदारी को कानूनी रूप से पंजीकरण कराना जरूरी है. इसके अलावा, 11 महीने के किरायेदारी समझौते को हर 11 महीने में नवीनीकरण करना चाहिए, ताकि किसी भी कानूनी समस्या से बचा जा सके। - संपत्ति का नियमित निरीक्षण
मकान मालिकों को अपनी संपत्ति का समय-समय पर निरीक्षण करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किरायेदार अवैध रूप से संपत्ति में कोई निर्माण या बदलाव नहीं कर रहा है. - किरायेदार वेरीफिकेशन करें
किसी भी व्यक्ति को किराए पर देने से पहले वेरीफिकेशन करवाना बेहद जरूरी है। इस उपाय से किसी भी संभावित कानूनी विवाद से बचा जा सकता है. - किराया ऑनलाइन लें और रिसीविंग दें
मकान मालिकों को किराया ऑनलाइन लें ताकि प्रूफ रहे की आपने घर किराये पर दिया है, कभी भी नकद किराया न लें।
क्या करें अगर किरायेदार खाली करने से मना करें?
अगर कोई किरायेदार मकान खाली करने से मना करता है, तो मकान मालिक को पहले उसे एक कानूनी नोटिस भेजना चाहिए. ध्यान रखें कि किरायेदार के बिजली और पानी के कनेक्शन को काटना गैरकानूनी हो सकता है. अगर फिर भी वह नहीं हटता, तो मकान मालिक पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं और सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 103 के तहत मकान मालिक संपत्ति खाली कराने के लिए कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.