
केरल हाइकोर्ट ने न्याय व्यवस्था से जुड़ा एक अहम आदेश जारी किया है, जिसके तहत हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को न्यायिक आदेश जारी करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का इस्तेमाल न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस संबंध में विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं और अदालतों को अधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी है, वहीँ आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की गई है। ऐसे में केरल हाई कोर्ट की तरफ जारी इस आदेश का क्या कारण है चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।
यह भी देखें: Facebook का बड़ा एक्शन! AI Video पर 1 करोड़ अकाउंट्स किए डिलीट, जानिए क्यों मचा हड़कंप!
क्यों जारी किया गया फैसला
AI टूल्स के जरिए न्यायिक आदेश जारी करने के फैसले पर केरल हाइ कोर्ट ने रोक लगा दी है, यह माना जा रहा है की एआई टूल्स के अंधाधुंध उपयोग से नकारात्मक नतीजे आ सकते हैं। इससे नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है की किसी भी परिस्थिति में एआई उपकरणों का उपयोग निर्णय लेने या क़ानूनी तारिक के विकल्प के रूप में न किया जाए। वहीँ कानूनी व्यवस्था और न्यायिक आदेशों पर किसी तरह का प्रश्नचिन्ह न उठे।
यह भी देखें: क्या WhatsApp चैट्स वाकई में सेफ हैं? जानें एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन की पूरी सच्चाई
आदेश के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
हाई कोर्ट द्वारा 19 जुलाई को जारी नीति दस्तावेज में कहा गया है की इस नीति का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश राज्य में जिला न्यायपालिका के सदस्यों, उनके सहायता करने वाले कर्मचरियों और राज्य में उनके साथ काम करने वाले इंटर्न्स या लॉ क्लर्क पर भी लागू होंगे। कोर्ट ने यह साफ कर दिया है की किसी भी तरह का निष्कर्ष निकालने या फैसला जारी करने के लिए एआई का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
यह भी देखें: बच्चों की सोशल मीडिया की लत बना रही है खतरा! पेरेंट्स अभी पढ़ें ये ज़रूरी गाइड
AI टूल्स के उपयोग वाले मामलों का हो ऑडिट
कोर्ट के जारी दिशा-निर्देश में साफ कहा गया है की न्यायालय उन सभी मामलों का विस्तृत ऑडिट करेंगे जिनमें चैटजीपीटी जैसे टूल्स का उपयोग किया गया है। इसके अलावा यह भी कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है की एआई का इस्तेमाल करने से पहले उचित ट्रेनिंग करना आवश्यक है। जिसके लिए न्यायिक अकादमी या हाई कोर्ट में आयोजित ट्रैनिंग प्रोग्रामों में भाग लेना होगा। वहीं यदि टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है, तो वह एडिट होना चाहिए।