
आयकर नियमों में बदलावों के चलते अब पति द्वारा पत्नी को दिए गए पैसों पर आयकर विभाग की नजर और भी सख्त हो गई है। अगर आप अपनी बीवी को नियमित रूप से पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं या निवेश के लिए फंड मुहैया करा रहे हैं, तो यह सोचकर न रहें कि यह टैक्स से बच जाएगा।
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दरअसल, इनकम टैक्स कानून के तहत पत्नी को दिए गए पैसों को पति की आय में ही जोड़ा जाता है, और उसी आधार पर टैक्स की गणना की जाती है, यदि आपने इस नियम की अनदेखी की है, तो इनकम टैक्स विभाग की ओर से आपको नोटिस मिल सकता है, 2025 के नए नियमों में इन पहलुओं को लेकर खास निगरानी और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पति-पत्नी के बीच पैसे के लेनदेन पर क्या कहता है इनकम टैक्स कानून
Income Tax Act की धारा 64 (Section 64) में साफतौर पर उल्लेख है कि पति अगर अपनी पत्नी को कोई राशि गिफ्ट करता है या किसी प्रकार का निवेश उसके नाम पर करता है, तो उससे होने वाली आय को पति की आय में जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि बीवी की कमाई मानी जाने वाली वह इनकम भी पति की टैक्सेबल इनकम बन जाती है।
क्यों भेजे गए पैसे पर टैक्स देना पड़ सकता है
कई बार पति-पत्नी के बीच पैसे के लेनदेन को गैर-जिम्मेदाराना तरीके से दिखाया जाता है, जबकि आयकर विभाग इसे टैक्स प्लानिंग के रूप में देखता है, चूंकि पति द्वारा पत्नी को दी गई रकम को गिफ्ट के तौर पर माना जाता है, यह तो टैक्स-फ्री हो सकती है, लेकिन उससे उत्पन्न आय टैक्सेबल होती है।
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क्या पत्नी को गिफ्ट टैक्सेबल है?
भारत में Gifts Regulation के तहत पति-पत्नी के बीच गिफ्ट टैक्स-फ्री होते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गिफ्ट के बाद जो भी इनकम होगी, वह भी टैक्स-फ्री हो जाएगी।