
भारतीय मौसम विभाग-IMD ने 21 से 26 मई 2025 के बीच देश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश और तूफान की चेतावनी जारी की है। इस दौरान देश के 15 से अधिक राज्यों में रेड और ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इस व्यापक मौसम प्रणाली की उत्पत्ति अरब सागर के ऊपर बन रहे चक्रवाती परिसंचरण से हुई है, जो 22 मई तक निम्न दबाव क्षेत्र में बदलने की संभावना है।
उत्तर भारत में मौसम का मिज़ाज बदलने को तैयार
दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के हिस्सों में 21 मई से गरज-चमक और बारिश की संभावना है। इस बदलाव से क्षेत्र में लू का प्रभाव घटेगा और तापमान में गिरावट आ सकती है। यह परिवर्तन किसानों, ट्रैवलर्स और दिल्लीवासियों के लिए राहत लेकर आएगा, हालांकि बिजली गिरने और जलभराव की आशंका भी बनी रहेगी।
पश्चिमी भारत पर अरब सागर की मार
महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात जैसे राज्य इस चक्रवातीय परिसंचरण के केंद्र में हैं। मुंबई और पुणे में 21 से 24 मई तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है। गोवा में भी पर्यटकों को चेतावनी दी गई है कि समुद्र तटों पर जाने से बचें। गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में 25 मई तक तूफानी बारिश के आसार हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव और बिजली आपूर्ति में रुकावट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
दक्षिण भारत की तैयारी और मानसून की दस्तक
केरल और तमिलनाडु में अगले 4-5 दिनों में मानसून की औपचारिक दस्तक होने की उम्मीद है। इससे पहले ही केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। कर्नाटक में बेंगलुरु समेत कई जिलों में बाढ़ और बिजली गिरने की घटनाओं को देखते हुए IT कंपनियों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी है।
पूर्वोत्तर भारत में फिर से भारी बारिश की दस्तक
असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों में 21 से 26 मई तक भारी बारिश की आशंका है। इन क्षेत्रों में पहले से ही भू-स्खलन और नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण जीवन अस्त-व्यस्त रहा है, और इस ताजा चेतावनी के साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर रुख करने की सलाह दी गई है।
रेड अलर्ट का क्या मतलब है?
भारतीय मौसम विभाग-IMD द्वारा जारी रेड अलर्ट का अर्थ है कि किसी क्षेत्र में अगले 24 घंटों में 204.5 मिमी या उससे अधिक बारिश हो सकती है। यह चेतावनी जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे को दर्शाती है। इससे बाढ़, सड़कें बंद होने, बिजली आपूर्ति में व्यवधान, और यातायात में ठहराव जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
सुरक्षा और सतर्कता के उपाय
ऐसे मौसम में नागरिकों को घरों में ही रहने और सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की सलाह दी जाती है। बिजली गिरने के समय खुले क्षेत्रों से बचें और मोबाइल चार्जिंग, खाद्य सामग्री, और आवश्यक दवाइयों का स्टॉक बनाकर रखें। मौसम अपडेट के लिए भारतीय मौसम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।