अगले 25 साल बाद इंसान कभी नहीं मरेंगे, 2050 तक बन जाएगी ये तकनीक

डॉक्टर इयान पियर्सन, एक प्रसिद्ध Futurologist है, जिनका मानना है कि 2050 तक इंसान अमर हो जाएंगे. उनका दावा है कि तब तक ऐसी तकनीक आ जाएगी जिससे लोग अपनी पूरी शख्सियत, यादें और सोचने-समझने की शक्ति किसी मशीन या रोबोट में डाल सकेंगे. इस प्रोसेस को 'माइंड अपलोडिंग' कहते हैं.

By GyanOK

अगले 25 साल बाद इंसान कभी नहीं मरेंगे, 2050 तक बन जाएगी ये तकनीक
इंसान

कुछ लोग हमेशा के लिए अमर होना चाहते है, लेकिन अभी तक ऐसा संभव नही हो पाया है. कहा जाता है पुराने समय में ऋषि-मुनियों ने अमर होने के लिए बड़ी तपस्या की थी. जिसके बाद उन्हें अमर होने का वरदान मिला. अब समय बदल चुका है. आज विज्ञान का दौर चल रहा है जहां अमर होने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है. लेकिन डॉ. इयान पियर्सन जैसे वैज्ञानिक मानते हैं कि भविष्य में इंसान अपना दिमाग कंप्यूटर में डालकर शरीर के खत्म होने के बाद भी “डिजिटल रूप” में हमेशा जीवित रह सकता है.

2050 तक इंसान अमर हो जाएंगे

डॉक्टर इयान पियर्सन, एक प्रसिद्ध Futurologist है, जिनका मानना है कि 2050 तक इंसान अमर हो जाएंगे. उनका दावा है कि तब तक ऐसी तकनीक आ जाएगी जिससे लोग अपनी पूरी शख्सियत, यादें और सोचने-समझने की शक्ति किसी मशीन या रोबोट में डाल सकेंगे. इस प्रोसेस को ‘माइंड अपलोडिंग’ कहते हैं.

डॉक्टर इयान पियर्सन की सोच

आज के समय में विज्ञान काफी आगे बढ़ गया है. जो चीज हम सोच भी नही सकते है वो काम भी हो सकता है. डॉक्टर इयान पियर्सन का मानना है कि 2050 तक अमर होने की ये खास तकनीक केवल अमीर लोगों के लिए होगी, लेकिन 2060 तक मध्यम वर्ग भी इसका फायदा ले सकते है. उनका कहना है कि बायोटेक्नोलॉजी और जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद से बूढ़ा होने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है.

साथ ही ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) जैसे उपकरण हमारी यादों और सोच को डिजिटल रूप में कंप्यूटर में डाल सकेंगे. यदि इंसान का शरीर भले ही खत्म क्यों न हो जाएं उसके दिमाग की सारी जानकारी सुरक्षित और चालू रह सकती है. जिसके जरिए उसे हमेशा के लिए अमर रखा जा सकता है.

AI और कुर्जवील की भविष्यवाणी

कई लोगों को ये बात अजीब लग रही होगी, लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा कहीं गई बातें सच हुई है, जैसे -आजकल सब कुछ AI द्वारा काम हो रहा है. कुर्जवील का कहना है कि 2029 तक AI इंसानी दिमाग जितना स्मार्ट हो जाएगा. कुछ लोगो को डॉ. पियर्सन की बात सही लगती है, खासकर जब हम गूगल के पूर्व इंजीनियर और मशहूर भविष्यवेत्ता रे कुर्जवील की भविष्यवाणियों को देखते हैं.

2030 के दशक में इंसान का दिमाग सीधे इंटरनेट से जुड़ पाएगा और 2045 तक इंसान आधे मशीन, आधे मानव बन सकते है. इसके अलावा कुर्जवील ने कई भविष्यवाणियां की थी जैसे -कंप्यूटर का शतरंज जीतना और स्मार्टफोन का इतना असरदार होना. उनका मानना है कि जब इंसान और मशीन साथ मिलेंगे, तभी इंसान अपनी सोच और यादों को डिजिटल रूप में हमेशा के लिए बचा पाएगा.

Author
GyanOK

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें