भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी सालाना रिपोर्ट 2024-25 जारी कर दी है, जिसमें पहली बार विस्तार से बताया गया है कि देश के इस सबसे ताकतवर वित्तीय संस्थान के पास कुल कितनी संपत्ति है, और वह किन मदों से कितनी आय अर्जित कर रहा है। यह रिपोर्ट केवल आंकड़ों का लेखाजोखा नहीं, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे RBI भारत की वित्तीय संरचना की रीढ़ बना हुआ है।

कितनी है RBI की कुल संपत्ति?
31 मार्च 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष तक, RBI का बहीखाता (Balance Sheet) बढ़कर ₹76.25 लाख करोड़ हो गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 8.20% की वृद्धि दर्शाता है। यह न सिर्फ केंद्रीय बैंक की आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि देश की मौद्रिक नीतियों की मजबूती का भी प्रमाण है।
सरकार को मिला रिकॉर्ड डिविडेंड
इस साल RBI ने केंद्र सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ का डिविडेंड ट्रांसफर किया है। यह अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक लाभांश है, जो सरकार को किसी भी वित्तीय वर्ष में प्राप्त हुआ है। यह रकम सरकार के बजट घाटे को पाटने और कल्याणकारी योजनाओं के लिए काफी मददगार साबित होगी।
31 मार्च 2025 को समाप्त वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक के बहीखाते का कुल आकार ₹76.25 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 8.20% की वृद्धि को दर्शाता है। इस बढ़ोत्तरी के साथ RBI ने केंद्र सरकार को ₹2.69 लाख करोड़ का लाभांश (डिविडेंड) ट्रांसफर किया है, जो अब तक किसी भी वित्तीय वर्ष में सरकार को मिलने वाली सबसे बड़ी राशि में से एक है।
संपत्ति में वृद्धि के पीछे छिपी रणनीति
RBI की इस वित्तीय सफलता के पीछे कई महत्वपूर्ण निवेश निर्णय छिपे हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि सोने में निवेश में भारी उछाल देखा गया, जहां 52.09% की बढ़त दर्ज की गई। इसके अलावा घरेलू निवेश में 14.32% और विदेशी परिसंपत्तियों में 1.70% का इज़ाफा हुआ। इन तीनों क्षेत्रों में स्थिरता और लाभ की वजह से बहीखाता संतुलित बना रहा और संपत्ति में इजाफा हुआ।
आय, खर्च और सरप्लस का लेखाजोखा
रिजर्व बैंक ने 2024-25 में अपनी कुल आय में 22.77% की वृद्धि दर्ज की, जबकि खर्चों में केवल 7.76% की बढ़ोतरी हुई। इससे बैंक को ₹2,68,590.07 करोड़ का अधिशेष (सरप्लस) प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष के ₹2,10,873.99 करोड़ की तुलना में 27.37% अधिक है। इस अधिशेष में से अधिकांश हिस्सा केंद्र सरकार को ट्रांसफर कर दिया गया है।
देनदारियों और परिसंपत्तियों की संरचना
RBI की देनदारियों में भी उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है। नोट जारी करने से जुड़ी देनदारियां में 6.03% की वृद्धि हुई है, जबकि रिवैल्यूएशन अकाउंट में 17.32% और अन्य देनदारियों में 23.31% का इज़ाफा दर्ज किया गया है।
वहीं, परिसंपत्तियों के विभाजन में घरेलू परिसंपत्तियों की हिस्सेदारी अब बढ़कर 25.73% हो चुकी है, जबकि विदेशी मुद्रा, सोना और विदेशी ऋण की हिस्सेदारी 74.27% रही है। यह इंगित करता है कि RBI ने विविध निवेश नीति अपनाकर संतुलित विकास सुनिश्चित किया है।
आपात स्थितियों के लिए बना ‘आपदा कोष’
देश की अर्थव्यवस्था को संभावित संकटों से बचाने के लिए RBI ने ₹44,861.70 करोड़ की राशि विशेष आपदा निधि (Emergency Fund) में सुरक्षित रखी है। यह फंड भविष्य में किसी भी वित्तीय संकट, वैश्विक मंदी या प्राकृतिक आपदा के समय काम आएगा। यह RBI की Strategic Vision को दर्शाता है।