
घर खरीदना हर किसी का सपना होता है. कई लोग सोचते है कि नौकरी करने के साथ -साथ वह लोन लेकर घर खरीद ले, क्योंकि रिटायरमेंट तक लोन चुकाने का समय मिल जाता है. लेकिन आज के समय में यह सोच बदल रही है और लोग अब दूसरे ऑप्शन पर विचार कर रहे हैं.
घर खरीदने और किराए पर रहने के लिए एक्सपर्ट्स की राय
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई लोग घर की EMI की तुलना किराए से करते है, जो की सही नहीं है. आमतौर पर घर की EMI किराए से तीन गुना ज्यादा होती हैं. 15-20 सालों में EMI और किराए का अंतर कम हो जाता है, लेकिन EMI को चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है. यदि आप EMI नहीं चूका पाते है तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जायेगा और भविष्य में लोन लेने में परेशानी होगी.
घर खरीदने के लिए एक्सपर्ट्स की राय
घर खरीदते समय सबसे पहले अपना बजट देखना चाहिए, क्योंकि कई बार आपकी पसंद की जगह का बजट बहुत ज्यादा होता है, जिस वजह से आपको किसी और जगह घर खरीदना पड़ सकता है. दूसरी दिक्कत ये है कि आपका घर ऑफिस में दूर हो जाता है, जिस वजह से आने -जाने में बहुत समय लग सकता है. इसी वजह से कई लोग अपना घर छोड़कर किराए पर रहना ज्यादा पसंद करते हैं.
किराए का घर लेने में मिलती है आजादी
अक्सर कई लोग सोचते है कि अपने घर का अनुभव कुछ अलग ही होता है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये पूरी तरह से सच नहीं है. जब तक आप लोन नहीं चुका पाते है तब तक वह घर कानूनी रूप से आपका नहीं, बल्कि बैंक का होता है. यदि आप किसी वजह से EMI नहीं चूका पाते है तो बैंक आपका घर बेचकर अपना लोन वसूल सकते हैं.