
HDFC और ICICI बैंकों ने हाल ही में अपनी Fixed Deposit (FD) ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है। इस कदम का असर सीधे तौर पर उन निवेशकों पर पड़ेगा जो अपने पैसे को सुरक्षित और स्थिर रिटर्न के लिए एफडी में लगाते हैं। RBI की मौद्रिक नीति में बदलाव के बाद ये दोनों बड़े बैंक अपनी ब्याज दरों को 20 बेसिस पॉइंट्स तक घटा चुके हैं, जिससे निवेशकों को मिलने वाले रिटर्न में कमी आ गई है। यह बदलाव वित्तीय वर्ष 2025 के मध्य में प्रभावी हुआ है और निवेशकों को अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करना जरूरी हो गया है।
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HDFC और ICICI बैंक की नई ब्याज दरें
HDFC बैंक ने अपनी FD दरों में 0.20% की कटौती करते हुए सामान्य ग्राहकों के लिए ब्याज दर 3% से 6.85% तक कर दी है, जबकि सीनियर सिटिज़न को अतिरिक्त 0.50% का लाभ मिलता है। ICICI बैंक ने भी इसी सीमा में कटौती की है, जिससे दोनों बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा के बावजूद ब्याज दरों में समानता बनी हुई है। सबसे अधिक ब्याज दर 18 से 21 महीने की अवधि वाली FD पर मिल रही है, जो निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बन चुकी है।
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निवेशकों पर ब्याज दरों में कटौती का असर
ब्याज दरों में यह कमी निवेशकों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि इससे उनकी बचत पर मिलने वाला मुनाफा कम हो जाएगा। खासतौर पर वे निवेशक जो लंबे समय के लिए FD में पैसा लगाते हैं, उन्हें इस बदलाव का प्रभाव सबसे ज्यादा महसूस होगा। इसके अलावा, मौजूदा FD का रिन्यूअल करते वक्त भी कम ब्याज दरों का सामना करना पड़ेगा, जिससे निवेश के फैसले पर पुनर्विचार आवश्यक हो जाएगा। हालांकि, सीनियर सिटिज़न के लिए अतिरिक्त छूट कुछ हद तक राहत प्रदान करती है।
वैकल्पिक निवेश विकल्पों पर ध्यान दें
इस स्थिति में निवेशकों को अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को अपडेट करना और अन्य निवेश विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए। म्यूचुअल फंड्स, सरकारी बॉन्ड्स, या रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy सेक्टर में आईपीओ-IPO जैसी नई संभावनाएं बेहतर रिटर्न दे सकती हैं। सही समय पर सही विकल्प चुनना आपकी बचत को सुरक्षित रखने के साथ-साथ बढ़ाने में भी मदद करता है। इसलिए, वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेकर निवेश की रणनीति बनाना फायदेमंद होगा।
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