GST में कटौती की तैयारी! मिडिल क्लास को मिल सकती है राहत, ये चीजें हो जाएंगी सस्ती

GST Council की अगली बैठक में सरकार कर सकती है बड़ा ऐलान 12% टैक्स स्लैब की रोजमर्रा की चीजों पर घट सकता है GST! AC, प्रोसेस्ड फूड, इंश्योरेंस और मोबाइल जैसे जरूरी सामान हो सकते हैं सस्ते.

By GyanOK

GST Council Meeting Update: आम जनता के लिए राहत भरी खबर सामने आ सकती है. आगामी जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक में कई घरेलू उपभोग की वस्तुओं पर टैक्स दरों में कटौती का प्रस्ताव चर्चा में है. अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो इसका सीधा फायदा मिडिल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप को मिलेगा. सरकार 8 साल पुराने GST ढांचे की समीक्षा कर रही है, जिसमें खासतौर पर 12% टैक्स स्लैब की वस्तुओं को राहत देने पर विचार किया जा रहा है.

GST में कटौती की तैयारी! मिडिल क्लास को मिल सकती है राहत, ये चीजें हो जाएंगी सस्ती
GST में कटौती की तैयारी! मिडिल क्लास को मिल सकती है राहत, ये चीजें हो जाएंगी सस्ती

इन वस्तुओं पर घट सकती है GST दर

12% स्लैब में वे वस्तुएं आती हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैंजैसे मक्खन, घी, अचार, जैम, चटनी, फ्रूट जूस, नारियल पानी, टूथपेस्ट, साइकिल, छाता, मोबाइल फोन, प्रोसेस्ड फूड, और जूते-कपड़े आदि. सरकार मानती है कि इन उत्पादों पर GST घटाने से आम लोगों का खर्च कम होगा और बाजार में डिमांड बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा.

एयर कंडीशनर जैसे महंगे प्रोडक्ट भी होंगे सस्ते?

गर्मियों में एयर कंडीशनर (AC) खरीदना मिडिल क्लास के लिए अक्सर बजट से बाहर होता है। सरकार अब ऐसे महंगे उत्पादों पर भी टैक्स कम करने का विचार कर रही है। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो आने वाले सीजन में AC जैसे प्रोडक्ट सस्ते हो सकते हैं, जिससे मिडिल क्लास उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल सकती है.

इंश्योरेंस पर भी राहत की उम्मीद

प्योर टर्म इंश्योरेंस प्लान्स पर फिलहाल 18% GST लगता है. लेकिन सरकार इसे 12% करने का मन बना रही है. इसके साथ ही, हेल्थ इंश्योरेंस पर भी टैक्स कटौती संभव है, जिससे स्वास्थ्य सुरक्षा को अपनाना आम आदमी के लिए थोड़ा आसान हो जाएगा.

Compensation Cess के बाद नया सेस?

Compensation Cess, जो राज्यों को GST से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए लागू किया गया था, वह मार्च 2026 तक खत्म हो रहा है. इसके बाद सरकार सिन गुड्स जैसे तंबाकू पर नया सेस लगाने पर विचार कर रही है. साथ ही, ऐसा भी प्रस्ताव है कि 12% स्लैब को समाप्त कर दिया जाए और बिजनेस यूज वाली वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाया जाए ताकि राजस्व संतुलन बना रहे.

टैक्स कम, डिमांड ज़्यादा

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक “GST दरों में कटौती से न सिर्फ उपभोक्ता को फायदा होगा बल्कि इससे मार्केट में खपत बढ़ेगी। इससे सरकार को लॉन्ग टर्म में अधिक Revenue मिलेगा.” दरअसल सरकार अब टैक्स को सिर्फ एक आंकड़ा न मानकर, उपभोक्ता व्यवहार और आर्थिक गतिविधियों से जोड़कर देखना चाहती है.

लेकिन राज्यों की सहमति है ज़रूरी

इन तमाम प्रस्तावों को लागू करने में सबसे बड़ी चुनौती राज्यों की सहमति है। कई राज्य पहले भी टैक्स कटौती के प्रस्तावों का विरोध कर चुके हैं, क्योंकि उन्हें इससे अपने राजस्व में कमी की आशंका रहती है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या इस बार राजनीतिक सहमति बन पाती है या नहीं.

Author
GyanOK
GyanOK एडिटोरियल टीम में काफी अनुभवी पत्रकार एवं कॉपी राइटर हैं जो विभिन्न राज्यों, शिक्षा, रोजगार, देश-विदेश से संबंधित खबरों को कवर करते हैं, GyanOk एक Versatile न्यूज वेबसाइट हैं, इसमें आप समाचारों के अलावा, शिक्षा, मनोरंजन से संबंधित क्विज़ भी खेल सकते हैं।

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें